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अरशद "मदनी" की छवि भाजपा और संघ के कट्टर विरोधियों की रही है

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जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद “मदनी” ने कहा है कि जमीयत या मुसलमानों का BJP-RSS से कोई व्यक्तिगत विरोध नहीं है अगर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नफरत की सियासत छोड़ दें तो हम उसका साथ देने को तैयार हैं.

आइये आपको उनके कुछ पिछले विचार की हैडिंग दिखाता हूँ:

  • मुल्क के लिए तबाही का सबब होगा मोदी का आना: अरशद मदनी (9-01-2014)
  • पार्टी के चक्कर में मत पड़ें जो BJP को हराए उसे वोट दें मुसलमानः अरशद मदनी (8-04-2014)
  • BJP को हराना है तो एकजुट हों सेक्युलर: अरशद मदनी (27-12-2016)
  • अगले चुनाव में बीजेपी झाग की तरह बह जाएगी: अरशद मदनी (5-03-2016)
  • मोदी सरकार सिर्फ नफरत की सियासत कर रही है: अरशद मदनी (27 Oct 2017)

उपरोक्त बयानों से साफ ज़ाहिर हो रहा है कि अरशद “मदनी” हमेशा से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कटटर विरोधी रहे हैं और 27 Oct 2017 तक संघ विरोधी ही थे फिर ऐसा क्या परिवर्तन हो गया कि अरशद “मदनी” सशर्त ही सही लेकिन भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थन देने की बात करने लगे।
सूत्रों की माने तो आसाम में अरशद “मदनी” द्वारा दिए गए बयान को भाजपा सरकार ने देशद्रोही की श्रेणी में रखते हुए उनपर कार्यवाही  करने की धमकी दे रही थी और अरशद “मदनी” के भतीजे महमूद “मदनी” के साथ चल रहे विवाद को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के अदेशानुसार भाजपा सरकार जमीयत उलमा-ए-हिंद की कमान चाचा-भतीजा से छीन किसी तीसरे को सौंपने की तैयारी कर रही थी।
खैर कुछ भी हो सकता है लेकिन जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद “मदनी” द्वार भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक के बारे पिछले दिए गए बयानों को देखते हुए कहा जा सकता है,कि अरशद “मदनी” की छवि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक के कटटर विरोधी के रूप में रही है।
लेकिन मुसलमानों व ईसाईयों के बलात्कार व नरसंहार की “दोषी” राष्ट्रीय स्वयंसेवक को गुजरात चुनाव से ठीक दो दिन पहले सशर्त समर्थन देने की बात करना कुछ अजीब लग रहा है। उम्मीद है जल्द ही सबकुछ साफ़ हो जायेगा और असलियत आपके सामने होगी।

अली सोहराब (काकावाणी)