अपने आख़री दिनों में Shashi Kapoor की याददाश्त कमज़ोर हो गई थी

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दीवार फ़िल्म का वो डायलॉग जिसमें अमिताभ बच्चन , शशि कपूर से कहते हैं – “मेरे पास बैंक बैलेंस है, बंगला है, गाड़ी है, तुम्हारे पास क्या है?”, इसके बाद शशि कपूर जवाब देते हुए कहते हैं, – “मेरे पास मां है”। अमिताभ और शशि कपूर के बीच की बातचीत का यह सीन आज भी उतना ही फ़ेमस है, जितना उस दौर में हुआ करता था, जब इंटरनेट का उपयोग शुरू नही हुआ था। बल्कि यूं कहा जाए कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे चर्चित दृश्यों में से एक रहा है, तो गलत नही होगा।

कोलकाता में 18 जून 1938 को पृथ्वीराज कपूर के घर में जन्में शशि कपूर,  बड़े होते ही पिता और अपने बड़े भाईयों के नक्शेक़दम पर चलते हुए अभिनय की दुनिया में आये थे। उनका वास्तविक नाम बलबीर राज कपूर था। मुंबई के डॉन बॉस्को स्कूल में पढ़ाई करने के बाद पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ थियेटर और स्टेज शो करने के कारण शशि कपूर बचपन से ही अभिनय में पारंगत हो गए थे। अपने शुरुआती दिनों में शशि कपूर ने धार्मिक फिल्मों में कार्य किया था ।

1951 में बनी फिल्म याराना में राजकपूर मुख्य भूमिका में थे, फ़िल्म में उनके बचपन का रोल शशि कपूर ने ही किया था। इस तरह अपने बड़े भाई राज कपूर के साथ उन्होंने 1948 में आग और 1951 में आवारा फ़िल्म में काम किया । पिता पृथ्वीराज कपूर की सलाह से उन्हीने गॉडफ्रे कैंडल का थियेटर ग्रुप शेक्सपियाराना जॉइन कर लिया। इस दौरान उन्हें गॉडफ्रे की बेटी और हॉलीवुड अभिनेत्री जेनिफ़र से मोहब्बत हो गई। और बीस साल के नौजवान शशि कपूर ने जेनिफ़र से शादी कर ली थी।

बीबीसी हिंदी में रेहान फ़ज़ल की विवेचना में रेहान लिखते हैं, शर्मिला टैगोर को अभी तक याद है जब शशि कपूर ‘कश्मीर की कली’ के सेट पर अपने भाई शम्मी कपूर से मिलने आए थे। वो कहती हैं, “मैं उस समय 18 साल की थी। मैंने अपने-आप से कहा था, ‘ओ माई गॉड दिस इज़ शशि कपूर।’ मैं उन्हें देखते ही रह गई थी। मैं काम नहीं कर पाई थी और निर्देशक शक्ति सामंत को मजबूर होकर शशि कपूर से सेट से चले जाने के लिए कहना पड़ा था।”

1965 में आई जब जब फूल खिले, शशि कपूर की पहली सुपरहिट फ़िल्म थी। इसके बाद उन्होंने वक़्त, दीवार, हसीना मान जायेगी, सत्यम शिवम सुंदरम जैसी सफ़ल फ़िल्मों में अभिनय का जलवा बिखेरा। अमिताभ बच्चन के साथ कई फिल्मों में शशि को देखा गया। उन्होंने ने कई हॉलीवुड फिल्मों में भी अपने अभिनय का जादू बिखेरा है।

चॉकलेटी बॉय शशि कपूर की प्रेम कहानी भी बड़ी ज़बरदस्त है, उनके ससुर इस रिश्ते के लिए तैयार नही थे। बड़े भाई शम्मी कपूर और भाभी गीता बाली की मदद से दोनों जेनिफ़र केंडल और शशि कपूर शादी के बंधन में बंधे थे। आपनी किताब ‘पृथ्वीवालाज़’ में शशि कपूर लिखते हैं, “मैं जैनिफ़र को अपने माता-पिता के पास न ले जाकर शम्मी कपूर और गीता बाली के पास ले गया। वो हमें अपनी कार और कुछ पैसे दे देतीं ताकि हम ड्राइव पर जाएं और साथ कुछ खा-पी लें. बाद में मेरे कहने पर शम्मी ने हमारे बारे में हमारे माता-पिता से बात की। उनके मनाने पर ही वो बहुत मुश्किल से हमारे रिश्ते के लिए राज़ी हुए।

पिता की मृत्यु के बाद शशि और जेनिफ़र ने पृथ्वी थियेटर को फ़िरसे शुरू किया था। 1984 मे पत्नी जेनिफ़र कपूर की मौत के बाद शशि कपूर टूट गए थे। कई दिनों तक शशि कपूर अपने घर से बाहर नही निकले थे, उसके बाद उनका मोटापा बढ़ने लगा था।

अपने आखिरी दिनों में शशि कपूर काफी कमज़ोर हो गए थे, और जिस्म के एक हिस्से में लकवे के असर के कारण उनकी याददाश्त भी कमजोर हो चुकी थी। 4 दिसम्बर 2017 को 79 साल की उम्र में शशि ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।