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ताजमहल पर भड़काऊ टिप्प्णी, गुजरात चुनाव के पहले ध्रुवीकरण की कोशिश तो नहीं

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यूपी के सरधना से भाजपा विधायक व मुज्ज़फरनगर दंगों के आरोपी संगीत सोम ने विश्व में भारत को ख्याति दिलाने वाले सात अजूबों में से एक ताज महल पर विवादित बयान दिया है. सोम ने अपनी विवादित कथनी के तहत कहा – कि ताजमहल भारतीय संस्कृति पर धब्बा है. पिछले रविवार दिनांक 15 अक्टूबर को सोम ने ज़हर उगलते हुए कहा “कि ताजमहल बनाने वाले मुगल शासक ने उत्तर प्रदेश और हिंदुस्तान से सभी हिंदुओं का सर्वनाश किया था. ऐसे शासकों और उनकी इमारतों का नाम अगर इतिहास में होगा तो वह  बदला जाएगा.
संगीत सोम के इस विवादित एवं भड़काऊ बयान के बाद उनकी पार्टी के ही अंदर कुछ नेताओं ने उनसे असहमति जताई है. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सरदार आर पी सिंह ने कहा – कि ताजमहल केवल देशी-विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र नहीं, बल्कि  वह मुगलकालीन स्थापत्य कला का एक जीता जागता और बेजोड़ नमूना है, जिसकी कद्र पूरी दुनिया करती है.
इस बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “सोम जैसे लोग इतिहासकार नहीं, इनकी पढ़ाई वॉट्सएप यूनिवर्सिटी से हुई है.”
हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा कि “दिल्ली का ‘हैदराबाद हाउस’ भी मुग़लों ने बनाया था. क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी नागरिकों की मेज़बानी बन्द करेंगे,” लाल किला भी गद्दारों  ने बनवाया था, तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब लाल किले पर झंडा फ़हराना बंद करेंगे?


सोम ने मेरठ के सिसोली में रविवार शाम राजा अनंगपाल तोमर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए इन जहरीले शब्दों का उपयोग किया- सोम ने कहा, “अब बीजेपी की सरकार है, यह देश के इतिहास से बाबर, अकबर और औरंगजेब की कलंक कथा को निकालने का काम कर रही है. देश का इतिहास बिगड़ा हुआ था, उसे सुधारने का काम बीजेपी कर रही है. इतिहास में आक्रमणकारियों को गौरवान्वित किया गया है.”
यह पहली बार नहीं है, कि संगीत सोम के बोल इस क़दर बिगड़े हों, इसके पूर्व संगीत सोम ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के समय भी 19 अगस्त 2016 को भड़काऊ बयान देते हुए कहा था- “यहां की लड़ाई हिंदुस्तान-पाकिस्तान की तरह है. एक तरफ हिंदुस्तान है, एक तरफ पाकिस्तान है. तुम्हें क्या करना है, ये सोच लो. एक तरफा मामला कर लो.” बता दें कि संगीत सोम ने ये बयान चुनाव को लेकर दिया था, उस वक्त पार्टियां यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियां कर रही थीं.