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केजरीवाल का शपथ समारोह, कहीं आशा तो कहीं निराशा

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“धन्यवाद दिल्ली” के पोस्टर रामलीला मैदान की तरफ जाने वाली सभी रास्तों पर लगे हुए थे। आम आदमी पार्टी के समर्थक ऐसे ही पोस्टरों से गुजरते हुए शपथ ग्रहण समारोह में जा रहे थे। भीड़ से अलग और आकर्षक दिखने के लिए समर्थक किस्म-किस्म के परिधान पहने हुए थे। कोई ढोल-नगाड़े के साथ आया हुआ था तो कोई हाथ में तिरंगा लेकर। सुबह सात बजे से भीड़ जुटनी शुरू हुई, दस बजे तक आधी भरी और अरविंद केजरीवाल के शपथ लेने तक मैदान लोगों से भर गया।
कार्यक्रम में दिल्ली से बाहर दूसरे प्रदेशों से भी हजारों लोग पहुँचे थे। मध्यप्रदेश के दतिया से आए जेपी कुशवाहा बताते हैं कि वो शनिवार को सुबह ही यहां आने के लिए ट्रेन पकड़े थे और दिल्ली पहुँचते ही यहां आ रहे हैं। ये पूछने पर कि मध्यप्रदेश से यहां क्यों आए तो जेपी कुशवाहा बताते हैं- “वहां कांग्रेस कोई काम नहीं कर रही है। हमारे यहां राशन कार्ड के लिए पाँच-पाँच हज़ार रुपये देने पड़ रहे हैं, बिजली का बिल महंगा आ रहा है। मैं यहां साफ-सुथरी सरकार को धन्यवाद देने आया हूँ।
दिल्ली के विकास में सहयोग देने वाले कई व्यक्तियों को शपथ ग्रहण समारोह में खासतौर पर आमंत्रित किया गया था, जिसमें सिग्नेचर ब्रिज के शिल्पकार, डीटीसी बसों में सुरक्षा देने वाले गार्ड, मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर, सफाई कर्मचारी, मेट्रो के ड्राइवर आदि शामिल थे। मंच पर से ये बहुत ही सौम्यता से बार-बार बताया जा रहा था कि ये लोग एक विशेष प्रायोजन के तहत आमंत्रित किये गए हैं। दिल्ली के विकास में इन लोगों का बड़ा योगदान है। साथ ही साथ ये बोला जा रहा था कि ऐसा पहली बार किसी शपथ ग्रहण समारोह में हो रहा है इसलिए ये शपथ ग्रहण अनूठा और विरल है।
शास्त्रीय संगीत बजाते हुए अपने टोली के साथ उत्तराखंड से आए महेंद्र सिंह बताते हैं, “हम यहां इस ईमानदार सरकार को धन्यवाद देने आए हैं।” हम अपने यहां बीजेपी और कांग्रेस से ऊब गए हैं। हम चाहते हैं कि वहां भी आम आदमी पार्टी की सरकार आए।”

शपथ ग्रहण में केजरीवाल ने क्या कहा?

अपने भाषण की शुरुआत अरविंद केजरीवाल “भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद, वंदे मातरम” जैसे नारों से किया। वो मंच से एक लाइन बोलते जा रहे थे और जनता दूसरी लाइन बोल नारे को पूरा कर रही थी। केजरीवाल ने अपनी जीत को दिल्ली की जीत, हर मां, बहन, बच्चे की जीत बताया. विकास पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “आने वाले पांच सालों में और उसके आगे भी दिल्ली का विकास ऐसे ही होता रहेगा।”
एक समावेशी भाषण देते हुए केजरीवाल बोले, “वो किसी से भेदभाव नहीं करते हैं। कोई उन्हें वोट दिया हो या नहीं दिया हो, वो सभी के मुख्यमंत्री हैं.” इसके साथ उन्होंने केंद्र सरकार के साथ मिलकर दिल्ली के विकास कार्य को और आगे बढ़ाने की आकांक्षा भी दिखाई. केजरीवाल ने भाषण खत्म “हम होंगे कामयाब” के नारे से किया।

प्रधानमंत्री के सामने खुद को विकल्प पेश करने का प्रयास

मैदान में लगे पोस्टर और एलईडी स्क्रीन कुछ अलग संकेत कर रहे थे। जगह-जगह लगी एलईडी स्क्रीन पर केजरीवाल द्वारा पिछले पांच सालों में किए गए कार्यों को दिखाया जा रहा था। पोस्टर पर लिखे शब्द में दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रीय जनता से भी कुछ अपील छुपी थी। एक पोस्टर पर लिखा हुआ था “राष्ट्रनिर्माण आप के साथ” तो दूसरे पोस्टर पर एक नारे लिखे थे, “जब भारत माँ का हर बच्चा अच्छी शिक्षा पाएगा, तभी अमर तिरंगा आसमान में शान से लहराएगा।” पोस्टर देखकर साफ लग रहा था कि इस शपथ ग्रहण के जरिये केजरीवाल देशवासियों को कुछ संदेश दे रहे हैं और इसी बहाने खुद को राष्ट्रीय नेता के तौर पेश कर रहे हैं।
न्यू सीलमपुर के मो. काशिफ जोश कहते हैं, “यहां बंगाल, केरल, हरयाणा, यूपी समेत कई राज्यों से लोग आए हुए हैं। पूरे देश में केजरीवाल की लहर बन रही है। जो प्यार-मोहब्बत दूसरी पार्टियां तोड़ रही हैं, ये बाकी रखेंगे ऐसा उम्मीद है।”  गौरतलब हो कि पिछली बार और इस बार भी प्रचंड बहुमत से लोकसभा चुनाव जीतने वाली बीजेपी के रथ को केजरीवाल लगातार दो बार से रोक रहे हैं। अपने भाषण के दौरान केजरीवाल ने कहा कि चुनाव में विकास की राजनीति को वोट मिला है और अब देश में नई राजनीति की चर्चा है।

समारोह में दिखी राष्ट्रवाद की छाया

रामलीला मैदान पूरी तरह तिरंगे से भरा हुआ था। कार्यकर्ता हाथों में तिरंगा लेकर हवा में लहरा रहे थे। कभी झंडा भीड़ में कम दिखने लगता तो स्टेज से संचालनकर्ता कुछ जोश भरे नारे लगवाते थे और फिर से हजारों हाथ झंडा लेकर ऊपर दिखने लगते थे। कार्यक्रम शुरू होने से पहले लगातार लता मंगेशकर का गाना “ए मेरे वतन के लोगों ज़रा याद करो कुर्बानी बार-बार बजाया जा रहा था।” इसके साथ-साथ “ये भारत देश है मेरा, संदेशे आते हैं जैसे पुराने देशभक्ति गीत बज रहे थे। दोपहर बाद जैसे ही केजरीवाल मंच पर आए तो लोग खुशी में केजरीवाल का अभिवादन झंडा ऊपर उठा कर करने लगे। केजरीवाल के सभी 6 मंत्री इस बार भी शपथ लिए। पिछले कैबिनेट में श्रम और परिवहन मंत्री रहे गोपाल राय ने इस बार शपथ ईश्वर या अल्लाह के नाम पर न लेते हुए देश के शहीदों के नाम पर लिया। ये चीज अपने आप में रोचक, आकर्षक और नई रही।

कहीं आशा तो कहीं निराशा..

जिन 6 मंत्रियों ने शपथ लिया उसमें एक भी महिला शामिल नहीं है। आतिशी मार्लेन, राखी बिड़ला जैसे महिलाओं की जीत के बाद ऐसा लग रहा था इस बार मंत्रिमंडल में कोई महिला चेहरा शामिल होगी, लेकिन नहीं हुईं। पेशे से शिक्षिका सन्तोषी जो दर्शक दीर्घा में ही गाने की धुन पर थिरक रही थीं उनसे ये पूछने पर कि मंत्रिमंडल में महिला चेहरा ना होना इसको आप किस तह से देखती हैं, इसपर उन्होंने कहा, “सहभागिता सबका होना चाहिए और बराबर होना चाहिए। मुझे लग रहा है बहुत जल्द हो भी जाएगा, ऐसी मुझे उम्मीद है।”  इसके साथ-साथ उन्होंने एक अपना अनुभव बताया, “हैपिनेस का पाठ्यक्रम जो स्कूलों में जोड़ा गया है। उससे बच्चों का बोझ बहुत कम हुआ है और उनका मानसिक स्ट्रेस भी बहुत कम हुआ है।

कल्याण विहार स्कूल से आईं एक शिक्षक रंजीत कौर कहती हैं, “सरकार में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं दिखनी चाहिए ताकि वो हमारी समस्याओं को आगे उठा सके।” 

भीड़ में कुछ लोग खुश थे, कुछ नाच रहे थे, कुछ जोश में नारे लगा रहे थे तो कुछ के चेहरे पर सन्तोषजनक शिकायतें भी थीं। रिठाला विधानसभा से शपथ ग्रहण समारोह में आए वीरेंद्र सिंह बताते हैं, “हमारे यहां पानी हमेशा नहीं मिलता है। सीसीटीवी कैमरे का भी काम अधूरा है और हम चाहते हैं कि केजरीवाल ये काम जल्द पूरा करें।”
गौतमपुरी से आई वीना खानम बात करते-करते अचानक भावुक हो जाती हैं, उनके आंखों में आंसू आ जाते हैं और बोलते वक्त गला भी भर आता है। उनकी एक ही ख्वाहिश है कि वो जिंदगी में एक बार अरविंद केजरीवाल से मिल लें। उन्होंने शिकायत भरे लहजे में ये भी कहा, “मेरे यहाँ पानी नहीं आ रहा है, आता भी है गंदा ही रहता है। बिजली के तार अभी भी ऊपर लटके रहते हैं, जिससे बाहर निकले पर ही डर लगने लगता है और मैं चाहती हूं कि केजरीवाल इसे सही करें.”

समर्थकों ने केजरीवाल को फ़िल्मी किरदारों से सराहा

मैदान में प्रवेश द्वार पर ही एक बड़ा पोस्टर लगाया था जिसके ऊपर लिखा हुआ था, “चलो रामलीला मैदान, बजरंगी भाईजान के शपथ ग्रहण में।” वही अंदर जाने पर भी कई समर्थक एक गुट में छोटे-छोटे बजरंगी भाईजान का पोस्टर लेकर बैठे थे। ध्यान देने वाली बात है कि चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल हनुमान चालीसा गाये थे और नतीजे आने के बाद वो तुरन्त हनुमान मंदिर पूजा करने गए थे और कहा था कि “ये जीत हनुमान जी का आशीर्वाद है।” बदरपुर से आईं मुस्किना बेगम कहती हैं, “देश एक है यहां किसी के बीच कोई भेदभाव नहीं है। मेरे केजरीवाल किसी से भेदभाव नहीं रखते हैं। कोई भी धर्म, मजहब बैर नहीं सिखाता है। वो कुछ भी पढ़े वो उनका दीन है।”
कार्यक्रम के दौरान कई तरह के और पोस्टर देखने को मिले, कोई केजरीवाल को ‘सिंघम’ के रूप में दर्शा रहा था तो कोई ‘राउडी केजरीवाल’ लिखे हुए पोस्टर लिए खड़ा था।