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हादिया को मिली आज़ादी, कोर्ट ने शादी को ठहराया वैध

by Team TH · March 8, 2018

केरल से संबंधित हादिया और शफीन जहां के केस में सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए केरल हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. कोर्ट ने हादिया को अपने पति के साथ रहने की इजाज़त दे दी है.
कोर्ट ने उन्हें गवाही के लिए समन जारी किया था. न्यायालय उनसे यह पूछना चाहता था कि क्या उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है.
हादिया ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की तीन जजों की पीठ को कहा था कि वह आज़ादी चाहती हैं और अपने पति को देखना चाहती हैं. उनका कहना था कि शफ़िन उन्हें आर्थिक रूप से समर्थन करते हैं.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हादिया और शफीन की शादी को बहाल कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए अपने फैसले में कहा – कि हादिया और शफीन जहान पति-पत्नी की तरह रह सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फ़ैसले पर टिपण्णी करते हुए कहा – कि शादी को रद्द नहीं करना चाहिए था. ये शादी वैध है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हादिया को सपने पूरे करने की पूरी आजादी है.
कोर्ट ने ये भी कहा कि NIA के जांच में हम दखल नहीं दे रहे हैं. NIA किसी भी विषय में जांच कर सकती है लेकिन किसी दो वयस्क की शादी को लेकर कैसे जांच की जा सकती है?
हादिया के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा – शादी के मामले में जब तक कपल में से किसी ने शिकायत दर्ज न कराई हो तो जांच नही की जा सकती. इस मामले में कपल में से न ही किसी ने शिकायत दर्ज कराई और न ही FIR दर्ज कराई है. हदिया ने जो हलफनामा दाखिल किया है उससे ये साफ होता है कि उसका अब अपने पिता पर भरोसा नहीं है.
द वायर के अनुसार – केरल के कोट्टायम ज़िले के टीवीपुरम की अखिला अशोकन ने धर्म परिवर्तन के बाद हादिया जहां के रूप में शफीन जहां से निकाह किया था. इस मामले को हादिया के पिता अशोकन ने लव जिहाद का नाम देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था.
अशोकन ने आरोप लगाया कि मामले में जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है. उन्होंने हादिया को लेकर चिंता जताई कि हादिया को आतंकवादी संगठन आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया भेज दिया जाएगा. दरअसल हादिया से निकाह करने वाले शफीन मस्कट में काम करते हैं और उनके माता पिता भी वहीं रहते हैं.
उच्च न्यायालय द्वारा इस विवाह को अमान्य घोषित करने के फैसले को चुनौती देते हुए उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की जिसमें उसने इस निर्णय को देश में महिलाओं की स्वतंत्रता का अपमान बताया था.
बीते नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने हादिया से बातचीत की और उसे होम्योपैथी की शिक्षा आगे जारी रखने के लिए तमिलनाडु के सलेम भेज दिया. कोर्ट ने हादिया को सुरक्षा प्रदान करने और यथाशीघ्र उसका सलेम पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए केरल पुलिस को निर्देश दिया था.

फ़ैसले के बाद ट्विटर पर कुछ इस तरह की प्रतिक्रियाएं आईं

https://twitter.com/AunindyoC/status/971698386050191360

https://twitter.com/AskAnshul/status/971684991292858368
https://www.youtube.com/watch?v=1HBZI27xjqM&t=14s

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