बेगूसराय गोली कांड:  बिहार की राजनीति हुई गर्म

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Ankit Swetav
  • बेगूसराय में दिन दहाड़े फायरिंग में एक युवक की मौत और आठ घायल
  • मामले को लेकर नीतीश सरकार विपक्षियों के कटघरे में

अगस्त महीने में महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आने लगी है। बिते मंगलवार बिहार (Bihar) के बेगूसराय (Begusarai) में बाइक सवार दो युवकों ने आधा दर्जन से अधिक जगहों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके पूरे राज्य में सरगर्मी तेज कर दी। इस घटना में एक युवक की मौत हुई और आठ लोग बुरी तरह से घायल हो गए। पूरे मामले को लेकर पुलिस प्रशासन और सत्ता की नीतीश सरकार पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा (BJP) सवाल खड़े कर रही है।

भाजपा हुई नीतीश पर हमलावर

मामले को लेकर भाजपा नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निशाना साध रही है। राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि “बिहार के इतिहास में ऐसी घटना पहली बार हई है।“ अश्र्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा “इस तरह की घटना से राज्य की लगातार गिरती हुई कानून व्यवस्था का पता चलता है। नीतीश जी ने बिहार की जनता को जंगलराज में धकेल दिया है।“

केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने मृतक के परिजनों को एक करोड़ और घायलों को 50 लाख दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि “बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है।“ उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए पूरे मामले पर जवाब माँगा।

जीतन राम मांझी ने किया पलटवार

भाजपा के नीतीश कुमार से सवाल पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने गिरिराज सिंह पर पलटवार करते हुए ट्वीट कर लिखा “एनसीआर के आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा अपराध उत्तर प्रदेश में होते हैं। मगर गिरिराज सिंह को वहां रामराज नजर आता है। इनके जैसे लोग ही बिहार को बदनाम कर रहे हैं।”

क्या है बेगूसराय गोली कांड?

बेगूसराय जिले में बाइक सवार दो बदमाशों ने लगभग आधा दर्जन से अधिक जगहों पर लगातार फायरिंग की थी। जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी और आठ लोग घायल हो गए थे जिनका इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है। यह फायरिंग मुख्य रूप से एनएच 28 (NH 28) और एनएच 31 (NH 31) पर लगभग 40 किलोमीटर तक चली। दोनों बदमाशों की शनाख्त सीसीटिवी (CCTV) कैमरे के आधार पर की गई है और जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

इस मामले में सबसे अधिक प्रश्न पुलिस प्रशासन पर उठ रहे है कि पूरे समय पुलिस कहां थी? जबकि पूरे कांड को अंजाम देने में लगभग दो घंटे का समय लगा। नीतीश कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए 14 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया है। साथ ही उन्होंने दोनों बदमाशों के जल्द पकड़े जाने का आश्र्वासन दिया है।