टैक्सी ड्राइवरो ने फ़िल्म के पोस्टर लगाने से जूही को मना कर दिया था

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हाल ही में सोनी टीवी के शो “दी कपिल शर्मा शो” (the kapil sharma show) पर जूही चावला (juhi chawla) ने अपनी फिल्म “कयामत से कयामत तक” (kayamat se kayamat tak) से जुड़ा एक किस्सा याद किया। उन्होंने बताया कि 1988 में रिलीज़ हुई उनकी फिल्म कयामत से कयामत तक के पोस्टर लगाने से मुंबई टेक्सी ड्राइवर ने मना कर दिया था। यही नहीं टेक्सी ड्राइवर्स ने उन्हें वहां से भगा भी दिया था।

जूही चावला ने बॉलीवुड (bollywood) में डेब्यू अपनी पहली फ़िल्म “सल्तनत” (saltanat) से की थी, लेकिन उन्हें पहचान 1988 की फ़िल्म “कयामत से कयामत तक” से मिली थी। इस फ़िल्म में उनके कॉ एक्टर अमीर खान (amir khan) थे। वहीं फ़िल्म के निर्देशन मंसूर खान (mansur khan) ने किया था।

फ़िल्म के पोस्टर लगाने से कर दिया था मना :

जूही ने “दी कपिल शर्मा शो” में कहा, ” उस समय टैक्सी पर फिल्मों के पोस्टर लगाना बहुत आम था और ज़रूरी भी। हमारी फ़िल्म “कयामत से कयामत तक” रिलीज़ होने वाली थी। लेकिन टैक्सी ड्राइवर्स ने टैक्सी पर पोस्टर लगाने से मना कर दिया। हमारी बिल्डिंग के नीचे टैक्सी की लंबी लाइन हुआ करती थी, मैं उनके पास गई और टैक्सी पर पोस्टर लगाने की बात कही। उन्होंने मना कर दिया।

उस वक्त वो हमें नहीं जानते थे :

जूही ने आगे बताया कि पोस्टर लगाने से मना करने का कारण था कि वो हमें नहीं जनते थे। जब मेने उनसे पोस्टर लगाने की बात की तो उन्होंने पोस्टर में इशारा करते हुए पूछा कि ये कौंन हैं ? उन्होंने अमीर की तरफ इशारा किया था। मेने कहा ये हीरो है। फिर उन्होंने पोस्टर में मेरी और इशारा करते हुए पूछा, मेने बताया ये मैं हूँ। इसके बाद भी उन टैक्सी ड्राइवर ने मना कर दिया। हालांकि, कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने प्यार से बात की और पोस्टर लगाने को तैयार भी हो गए।

इसी फ़िल्म से मिली थी पहचान :

” कयामत से कयामत तक” जूही और अमीर की शुरुआती फिल्मों में से एक थी। इस फ़िल्म के दौरान कोई भी उन्हें बेहतर तरीके से नहीं जानता था, लेकिन फ़िल्म ने बॉक्सऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया और ब्लॉक बस्टर भी साबित हुई। दोनों को बॉलीवुड में पहचान भी इसी फिल्म से मिली थी। इसके बाद अमीर खान और जूही चावला “हम है राही प्यार के” और “इश्क” जैसी फिल्मों में भी साथ दिखाई दिए।