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अब सस्ता सामान, महंगा बेचना पड़ेगा भारी

by Team TH · November 17, 2017

ऐसा लगता है, जैसे हमारे देश में चीज़ों की कीमतों ने घटने की क़सम खाई हुई है, जीएसटी लागू होने के बाद तो जैसे हर चीज़ की कीमतों में पंख लग गए थे. जीएसटी काऊंसिल ने अपनी पिछली बैठक में करीब 200 चीजों की दरों में बदलाव और कटौती की थी, जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि ये सब चीजें और सेवाएं सस्ती हो जाएंगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ नहीं  और नाही होता नज़र आ रहा है. कई चीजों और सेवाओं के दाम बढ़ा दिए गए यानि ग्राहक का बिल जस का तस है. ऐसे में अब सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए नेशनल एंटी प्रॉफिटिंग अथॉरिटी बनाने का ऐलान किया है.
नरेंद्र मोदी सरकार के इस क़दम को ग्राहकों के हित में देखा जा रहा है, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी के तहत राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-निरोधक प्राधिकरण बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस कदम का मकसद करों में कमी का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना है. असल में खबरें मिली थीं कि दरों में कटौती के बाद भी कुछ रेस्टोरेंट इसका लाभ ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। ऐसे में इस पहल से मुनाफाखोरों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
कैबिनट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि हाल में ही सरकार ने जीएसटी के रेट में जबरदस्त कमी करते हुए 59 चीजों को छोड़कर आम आदमी के काम आने वाली ज्यादातर चीजों को 28 फीसदी जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया है. बहुत सारी चीजों को अब सबसे कम 5 प्रतिशत टैक्स की श्रेणी में लाया गया है. इसके बाद एंटी प्रोफिटियरिंग ऑथोरिटी  (एनएए) का गठन करके सरकार ने यह साफ कर दिया है कि सरकार हर हाल में कम टैक्स का फायदा आम लोगों तक पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है.
अब देखना ये है, कि सरकार की इन  कोशिशों का क्या नतीजा निकलता है.

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