नेटफ्लिक्स की एक प्रसिद्ध वेब सीरीज ‘ब्लैक मिरर’ में टेक्नोलॉजी का भविष्य और उसके दुष्परिणामों को दिखाया गया है। उसमें एक से बढ़कर एक रोचक एपिसोड हैं लेकिन, मुझे सबसे बेहतरीन लगा- ‘मेन अगेंस्ट द फायर’। इस एपिसोड में फौजियों में एक एप्लीकेशन इंस्टॉल की जाती है- ‘मास नामक’। मास का मक़सद एक नस्ल विशेष के लोगों को 100% नष्ट करना है। मास के इंस्टॉल होते ही उनके दिमाग सम्मोहित हो जाते हैं और उन्हें उस नस्ल के लोग जिन्हें रोशेट कहा गया है वीभत्स दिखने लगते हैं और उनकी आवाज़ें बहुत ही बुरी सुनाई पड़ती हैं। संक्षेप में वे उन्हें दानव जैसे दिखते हैं।
‘हम बनाम वे’ का फॉर्मूला मनुष्यों को सबसे अधिक संगठित करता है। मनुष्य अपने दुश्मनों का सफाया कर देना चाहता है और ऐसा करने से जिनको लाभ होगा वह हमेशा यह चाहेंगे कि उनके संगठन वाले या उनकी तरफ वाले दूसरों के प्रति बेहद नफरत रखें। उसे मिलना-जुलना तो दूर उन्हें जीवित देखना भी पसंद ना करें। यह सब ब्रेन हैकिंग करने की कोशिशें आदिम काल से चली आ रही हैं। अलग अलग सिद्धान्तों, विचारों और कहानियों के द्वारा। लेकिन, ब्लैक मिरर की स्टोरी को सही माने तो अब लोगों की ब्रेन हैकिंग टेक्नोलॉजी करेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब हमारे ब्रेन को नियंत्रित करेंगी और एक रोबोट की तरह हम टारगेट को निस्ते नाबूद कर देंगे, बिना उस पर रहम खाए, बिना किसी पश्चाताप के, स्वप्न में भी कोई पछतावा नहीं।
~डॉ अबरार मुल्तानी, लेखक- मन के रहस्य