0

NRC बस आखरी लाइन है, इसके आगे आर्यावर्त है

Share

नेता कितना भी मजबूत हो, उम्र के हाथों मजबूर होता है। सत्तर की उम्र काफी होती है, 75 की और भी ज्यादा..। हमारे डियर लीडर, अस्ताचलगामी हैं। मगर जैसा कि हर राजा की इच्छा होती है, आजीवन सत्ता सूत्र से बेदखल नही होना चाहता। तो बिसात चल दी गयी है।
सेमी-रिटायर्ड नेता के अप्रेन्टिस ने सत्ता सम्भाल ली है। दल का निजीकरण, एब्सल्यूट हो चुका है। “सत्ता के साथ-अन्यथा देश के विरुद्ध” का एंथम, जनता के लिए बाद में था.. पहले तो दल के भीतर, और अनुषांगिक संगठनों पर लागू होते, आपने देखा।
सम्भावित चुनोतियाँ पहले ही शांत की जा चुकी हैं। केंद्र, राज्यों की सरकार के साथ दल के उच्च पद, जनाधार विहीन हुजूरियो को बंट चुके हैं। संगठन के नाम पर शीर्ष पर एक नेता, और उसका अप्रेन्टिस है, शेष सिर्फ एक लम्बी पूंछ है। लेकिन उत्तराधिकार का हस्तांतरण बाकी है, उस वक्त की उथल पुथल बाकी है। इसकी तैयारी तो रखनी पड़ेगी।
फासिज्म का इतिहास बताता है, की वह लोकतंत्र में उम्मीदों पर सवार होकर सत्ता पाता है, मगर उसका स्थायीकरण भय से होता है। भय का आधार कानूनी होना चाहिए। कानून ऐसा जो दोस्त, दुश्मन, अमीर, गरीब, समर्थक , विरोधी सब पर एक साथ लागू हो। मगर उससे छाँट-छाँट कर छूट देने का अधिकार भी सत्ता के पास हो। भय ऐसा, जो किसी भी चयनित को एक झटके में इंसान होने के हक से महरूम कर दें। उसकी स्वतंत्रता, नागरिकता, अधिकार छीनकर डिटेंशन की चाहरदीवारी में बन्द कर दे.. कानूनन!
NRC यही यूनिवर्सल उपयोगी हथियार है, CAA इससे बचाने का जरिया। आप कुछ भी करिये इसे हटवाने को, NRC जाने वाला नही है। स्थितियो को देखते हुए, इसे हल्का करने या लाने में देर करने के बयान आते रहेंगे। लोकतंत्र के मंदिर से बने कानून की इज्जत की अपीलें आती रहेंगी। मगर इसे नही लाने का वादा नही आएगा। संसद के बाकायदा अधिकार से पास होकर मिली ये अतुलित ताकत, चंद प्रदर्शनों से खोने को के तैयार नही होंगे। कभी भी नही होंगे। नरेम्बर्ग कानून जर्मनी की नियति था, NRC हमारा।
हर परिवार से एक शिकार होगा। खुद के दल का विधायक सांसद ज्यादा बोलते देखा गया, जिला मोर्चा अध्यक्ष का अंधा बेटा जेनएयू में गीत गाते देखा गया, क्रिकेटर की बेटी ट्वीट करते देखी गयी, आपका भाई दूसरे की रैली में जाते देखा गया, आप मेरी पोस्ट पर लाइक करते देखे गए। “साहब- आपका दस्तावेज फ़ॉल्टी है” सुनने को तैयार रहिये।
हंसिये। और स्क्रॉल करके बढ़ जाइये। देश के लिए लाइन में लगने को तो आप सदा से तैयार थे। आखरी बार और सही। NRC आखरी लाइन है। इसके बाद आर्यावर्त है। इस आर्यावर्त में फिरदोसी नही होंगे, मगर शाहनामा लिखा जाएगा।