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प्रोफेशनल मुन्नाभाई को हाईकोर्ट ने नहीं दी ज़मानत

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मध्य प्रदेश में अब तक के सबसे बड़ा व चर्चित घोटाला व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार एक प्रोफेशनल मुन्नाभाई को हाईकोर्ट ने जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया है.

चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा है कि आरोपी पर लगे आरोप काफी संगीन हैं और उसके सहयोगी अभी फरार हैं, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जा सकती.  इसी मत के साथ युगलपीठ ने उसकी अर्जी खारिज कर दी.
युगलपीठ ने यह फैसला हरियाणा के भिवाणी में रहने वाले मुकेश कुमार की ओर से दायर अर्जी पर दिया.
ज्ञात रहे कि, मुकेश कुमार  को 19 जुलाई 2017 को भोपाल से गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से रिंकू गुर्जर और अनिल कुमार नाम के दो आई कार्ड और उसके मोबाइल से 34 एडमिट कार्डस के फोटोग्राफ्स भी बरामद हुए थे.
मुकेश कुमार  पर आरोप है कि वह एक प्रोफेशनल मुन्ना भाई है, जो दूसरे उम्मीदवारों के स्थान पर परीक्षाएं देता है. इस मामले में जमानत का लाभ पाने यह अर्जी दायर की गई थी.
सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी पर लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी. शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता नम्रता अग्रवाल ने पैरवी की.
आरोपी पर विभिन्न आरोपों के तहत एसटीएफ ने आरोप दर्ज किए थे.  उस पर आरोप है कि उसने एमबीबीएस की परीक्षा में खुद नकल की और अपने पीछे बैठे उम्मीदवार को भी नकल कराई. आगे की पढ़ाई के लिए आवेदक ने पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया, लेकिन व्यापमं से संबंधित मामले के दर्ज होने के कारण वह खारिज कर दिया गया था.