दिल्ली सरकार का मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द करना निश्चित ही एक स्वागत योग्य फैसला था. यह लूट मचा रहे प्राइवेट अस्पतालों पर सीधी चोट है. और घोर पूंजीवाद का विरोध करने का साहस काम ही सरकारें दिखा पाती है.
केजरीवाल सरकार के इस फैसलें कि सरहाना हर कोई कर रहा है. ये आम आदमी के लिए राहत देने वाला फैसला तो है ही. इसी तरह ट्वीटर यूजर भी इस फैसलें कि जमकर तारीफ कर रहे है.
- महशूर पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा कि ‘प्राइवेट अस्पतालों में जान की क़ीमत पर लूट की कारोबार होता है . सभी राज्य सरकारें अगर ऐसे ही सख्त हो जाए तो लाखों मरीज़ों का भला होगा’
- एनडीटीवी के एक पत्रकार ने लिखा कि ‘मैं मानता हूँ किसी अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर देना कोई समस्या का हल नहीं लेकिन बड़े प्राइवेट अस्पतालों को इस बात का एहसास दिलाना बहुत ज़रूरी है कि आपकी मनमानी/लापरवाही यूहीं बर्दाश्त नही की जाएगी। दिल्ली सरकार ने मैक्स का लाइसेंस रद्द करके यही एहसास दिलाने की कोशिश की है’
- फ़िल्मकार और पत्रकार विनोद कापड़ी ने लिखा कि ‘सरकारें इसीलिए होती हैं कि वो आम आदमी के हितों की रक्षा करें।ना कि उसके हितो की अनदेखी।उम्मीद है देश की बाक़ी राज्य सरकारें भी इससे सबक़ लेंगी और आम आदमी के लिए लड़ेंगी।एक आम शहरी की तरफ़ से बहुत धन्यवाद अरविन्द केजरीवाल’.
- एक यूजर ने लिखा कि ‘मैं आप का प्रसंशक नहीं हूँ फिर भी सरकार ने इस फैसले ने जनता का दिल जीता है’.
https://twitter.com/punditjikaladka/status/939117912123572224
- एबीपी न्यूज़ के एक पत्रकार ने लिखा कि ‘आप और हम भले ही अरविन्द केजरीवाल से असहमत हों लेकिन दिल्ली में
#मैक्सहॉस्पीटल का लाइसेंस रद्द कर उन्होंने देश भर के उन लोगों का दिल जीत लिया है जो प्राइवेट अस्पतालों की दादागिरी से पीड़ित रहे हैं’
कुछ अन्य ट्वीट
https://twitter.com/rajpluss/status/939154355936043008