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नज़रिया – क्या बलात्कार पीड़ितों को इंसाफ मिलेगा ?

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11वी क्लास की लड़की घर से बाहर कुछ सामान ख़रीदने जाती है, इतने में ही वहशी दरिंदा, गुंडा कुलदीप सिंह उस युवती को तमंचे के बल पर अगवा करके कही और ले जाता है और बंधक बनाकर 10 दिन तक रेप करता है।
मामला दिल्ली के अमन विहार कॉलोनी का है और दरिंदा कुलदीप युवती का पड़ोसी है,रेप की इतनी घटनाएं सामने आ रही है कि अगर रेप पर ही लिखते जाए तो तो आदमी रेप के मामले में सामान्य ज्ञान का जानकार कहलाएगा।
पहले हुए रेप की खबर ख़बर अख़बार में छपती है और अख़बार की स्याही सूख नही पाती है कि इतने में ही रेप की दो चार घटनाएं और सामने आ जाती है।।
अब हिन्दुस्तान ब्लात्कारिस्तान व रेपिस्तान भी कहा जा सकता है, क्योंकि कभी सासाराम तो कभी उन्नाव, कभी सूरत तो कभी लखनऊ में 6 साल व 8साल की बच्चियों के साथ रेप करने के बाद हत्या की खबर आती है, कभी कठुआ में 8साल की आसिफ़ा को 8 दिन तक पवित्र स्थल मंदिर में बांधकर पुजारी रेप करता है तो कभी पुलिस वाला गुंडा रेप करता है।
आसिफ़ा के पापा आसिफ़ा के गायब होने की ख़बर पुलिस में लेकर गए तो कोई कार्रवाई नही हुई, आसिफ़ा के पापा से मीडिया वाले भैया ने पूछा कि आपने आसिफ़ा को मंदिर में ढूंढने की कोशिश नही की? पापा ने जवाब दिया कि मंदिर पवित्र होता है इसलिए मंदिर में ढूंढने नही गए, आसिफ़ा के पापा को ख़बर कहाँ थी कि जिस मंदिर को हम पवित्र समंझ रहे थे उसी मंदिर को पुजारी और पुलिस वाला मिलकर अपनी प्यास बुझाने के लिए 8 साल की मेरी मासूम का इस्तेमाल कर रहे हैं और मंदिर को अपवित्र करने में में मशगूल है!और आख़िर में आकर उन वहशियों ने उस मासूम को हमेशा के लिए मार दिया।
आसिफ़ा की अम्मी से मीडिया वाले भैया ने मालूम किया कि आसिफ़ा की सबसे बड़ी कमज़ोरी क्या थी?तो अम्मी जवाब देती है कि आसिफ़ा की सबसे बड़ी कमज़ोरी ये थी कि उसे भूख बर्दाश्त नही थी, मतलब बच्ची को भूख बर्दाश्त नही थी और ना जाने कैसे उन क़ातिलों ने अपने दिल पर पत्थर रख कर अपनी भूख प्यास मिटाने के लिए कैसे उस बच्ची को 8 दिन तक भूख और प्यास मिटाने के खाने पीने से दूर रखा?
1 मामला सूरत गुजरात से आया कि उस 10 साल की बच्ची को भी 8 दिन तक हवस का शिकार बनाया और बाद में आकर उसे भी मौत के घाट उतार दिया।
आज ये मामला दिल्ली से आया है, पीड़िता के परिजन बेटी के गायब होने की शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन गए तो पुलिस ने सुनी और उसके साथ बलात्कार होता रहा, युवती ने रेप का विरोध किया तो गुंडे ने लौहे के तार और बेल्ट से मारपीट भी की है, युवती को बंधता था और शराब पीकर(गाय मूत्र) उसे अपनी हवश का शिकार बनाता था,1दिन वो रेपिस्ट किसी काम से बाहर जा रहा था तो लड़की को बांधना भूल गया और लड़की किसी तरह इज़्ज़त आबरू और जान बचाकर उसके चंगुल से छूट कर भागी है।
कानपुर में घर से बाहर पानी लेने गई दलित युवती के साथ गुंडो ने मारपीट की और बाद में सरेआम युवती को आग के हवाले कर दिया गया।
देश का पीएम मुस्लिम महिलाओं और दलित महिलाओं को अपनी बहन बताकर इंसाफ मिलकर रहेगा की बात कहकर तीन तलाक़ का कानून बनाकर तालियां बजवाकर ख़ुश होता है तो दूसरी तरफ देश का ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह कहते है “बलात्कार की शिकार महिलाओं और बच्चीयों को न्याय मिलना चाहिए” लेकिन मेरी समझ में ये नही आ रहा है कि देश के ग्रह मंत्री जी न्याय की मांग किससे कर रहे हैं?
राजनाथ सिंह जी! मुज़फ्फरनगर दंगे में हज़ारो परिवारों को उजाड़ने वालों के केस ख़त्म करके पीड़ितों के साथ जब आप अन्याय कर सकते है तो ज़रूरतमंदों के लिए किससे मांग रहे हो? आप ख़ुद न्याय दीजिए ग्रह मंत्रालय की रिपोर्ट लगाओ की रेपिस्टों को फांसी हो।