हद पार कर रही हैं कंगना, महात्मा गांधी का किया अपमान

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कंगना के बड़बोले बयानों का सिलसिला थम नहीं रहा है, वो एक के बाद एक ऐसे बयान दे रही है जिससे लोग उनकी चौतरफा आलोचना कर रहे हैं। 1947 में मिली आज़ादी को “भीख में मिली आज़ादी” बताने के बाद अब कंगना ने महात्मा गांधी को सत्ता का भूखा और चालाक कहा है।

मंगलवार 16 नवम्बर को कंगना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर दो पोस्ट शेयर की हैं। पहली पोस्ट एक पुराने अखबार में छपे आर्टिकल की तस्वीर है, जिसमे लिखा है, “या तो आप गांधी के फैन हो सकते हैं या नेता जी के समर्थक… आप दोनों के समर्थक नहीं हो सकते। इसका फैसला खुद करें। अपनी दूसरी पोस्ट में उन्होंने गांधी को सत्ता का भूखा और चालाक बताते हुए लिखा, की दूसरा गाल देने से भीख मिलती है, आज़ादी नहीं।

कंगना ने पोस्ट में क्या लिखा :

कंगना (kangana) ने पोस्ट में लिखा कि, “गांधी (gandhi) ने कभी भी भगत सिंह (bhagat singh) और नेता जी ( neta ji) का समर्थन नहीं किया। सबूत है कि गांधी जी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो। उन लोगो ने स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों के हवाले कर दिया, जिनमे लड़ने की हिम्मत नहीं थी। वो सत्ता के भूखे थे।

कंगना रनौत की इंस्टाग्राम पोस्ट

ये वही लोग है जिन्होंने हमें सिखाया है कि अगर कोई एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो और इस तरह आपको आज़ादी मिलेगी। कंगना आगे लिखती हैं ” इस तरह किसी को आज़ादी नहीं मिलती, ऐसे भीख ही मिलेगी” आप अपने नायक को बुद्धिमानी से चुने।

इंस्टाग्राम पोस्ट में दी थी सफाई :

हालांकि, इससे पहले भी कंगना(kangana) ने अपने बयान की सफाई देते हुए एक इन्स्टाग्राम पोस्ट (instagram post) शेयर किया था। “जिसमे कहा था, मैने बिल्कुक साफ कहा है कि 1857 की क्रांति, पहला स्वतंत्रता संग्राम थी जिसे दबा दिया गया था। जिसका परिणम ये हुआ कि अंग्रेजों की क्रूरता और ज़ुल्म और बढ़ गए। इसके करीब एक शताब्दी बाद हमें गांधी जी के भीख के कटोरे में आज़ादी दी गई” कंगना ने आगे कहा था, की मुझे जनकारी नहीं है कि 1947 में कौंन सी लड़ाई लड़ी गयी थी जिससे हमें आज़ादी मिली। अगर किसी को जानकारी है तो मुझे बताए।

कंगना के खिलाफ केस दर्ज :

इस बीच कंगना के विवादित बयान बाज़ी को लेकर राजस्थान (rajasthan) की राजधानी जयपुर (jaipur) में कोंग्रेस नेता ने कंगना पर शिकायत दर्ज कराई है। इससे पहले मीडिया इंटरव्यू में आज़ादी को भीख बताने वाले बयान को लेकर भी कई राज्यों में कंगना पर FIR दर्ज हो चुकी हैं। कंगना के इस बयान के बाद

कोंग्रेस(congress), सीपीएम (CPM) और शिवसेना (shivsena) जैसे कई राजनीतिक दलों ने कंगना पर देशद्रोह के मामले में गिरफ्तारी की मांग की है। कंगना सोशल मीडिया (social media) ट्रोल तो ही रही है, वहीं उनके समर्थन में आए हिंदी और मराठी अभिनेता विक्रम गोखले को भी अब आलोचना झेलनी पड़ रही है।

अभिनेता विक्रम गोखले ने किया था समर्थन :

मालूम हो कि 14 नवंबर को पुणे के एक कार्यक्रम में विक्रम गोखले (vikram gokhale) ने कंगना के बयान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था की वो कंगना की बात से सहमत है क्योंकि ” आज़ादी हमें दी गयी थी, जब ब्रिटिश स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दे रहे थे तब कई वरिष्ठ नेता मूक दर्शक बने बैठे थे। वो आगे कहते हैं, “भारत को कभी भी हरा नहीं होना चाहिए, उसे भगवा ही रहना चाहिए। इस पर कोंग्रेस प्रवक्ता अतुल लोन्धे ने कहा “भारत हमेशा विविध रहेगा, वो कभी एक रंग का नहीं हो सकता”

“किसी मुस्लिम ने कहा होता तो UAPA लग चुका होता” : ओवैसी

आज़ादी पर दिए विवादित बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (asaduddin owaisi) ने कहा, “अगर कंगना जैसा बयान कोई मुस्लिम देता तो अब तक उस पर UAPA लग जाता। आवैसी से पहले BJP नेता वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा था, इस सोच को पागलपन समझू या देशद्रोह। बता दें कि 10 नवंबर को मीडिया इंटरव्यू (media interview) में कंगना ने कहा था की, ” 1947 में मिली आज़ादी भीख में मिली आज़ादी थी, हमें असली आज़ादी 2014 में मिली है”

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