Share

पत्रकार जिनेन्द्र सुराना को मिली म.प्र. हाईकोर्ट से राहत

by Team TH · January 4, 2018

मध्य प्रदेश के पत्रकार जिनेन्द्र सुराना को उनकी फेसबुक टिप्पणी के मामले में हाई कोर्ट ने राहत दी है। संजय लीला भंसाली की फिल्म पदमावती को लेकर चल रहे विवाद के बीच उन्होंने शिवराज सरकार की रेप पीड़िताओं को पद्मावती अवॉर्ड देने की योजना पर सवाल उठाते हुए कॉमेंट किया था।
इस पर मध्य प्रदेश की खरगोन पुलिस ने उनके खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज कराई थी। इस एफआईआर को रद्द कराने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका दाखिल की गई थी। अदालत ने उनकी याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है।
न्यायमूर्ति विवेक रसिया की बेंच ने वरिष्ठ पत्रकार जिनेंद्र सुराना की याचिका पर शिवराज सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक खरगोन पुलिस की 25 नवंबर 2017 को दर्ज एफआईआर के सिलसिले में किसी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
जिनेन्द्र सुराना की तरफ से वरिष्ठ वकील सुनील गुप्ता ने इस मामले में पैरवी की। वहीं मामले की अंतिम सुनवाई में उनकी तरफ से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक तनखा पैरवी करेंगे।
यह है पूरा मामला
दरअसल भोपाल गैंगरेप पीड़िता को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पद्मावती अवॉर्ड देने की घोषणा की थी। 24 नवम्बर को नीमच जिले के पत्रकार जिनेंद्र सुराना ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा, ‘मध्य प्रदेश में रेप करवाओ और पद्मावती अवॉर्ड पाओ। सरकार की नई घोषणा।’
खरगोन पुलिस ने पत्रकार जिनेंद्र सुराना पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में खरगोन के कोतवाली थाने में आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 376/117 292, 505 (2), 67( ए) के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में डीआईजी एके पांडे की दलील थी कि जिनेंद्र सुराना की यह पोस्ट दूसरों को बलात्कार के लिए प्रेरित करने वाली है। लिहाजा इस पर संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया गया।
केस दर्ज होने पर सुराना सुराना का कहना था कि उन्होंने तंज कसते हुए फेसबुक वॉल पर कॉमेंट किया था, लेकिन पुलिस ने उनकी मंशा को गलत अर्थों में लेते हुए केस दर्ज किया। सुराना ने कहा कि अगर इसी तरह से कार्रवाई होगी तो लोग अपनी बात कैसे कह पाएंगे। महज एक राजनीतिक पोस्ट लिखने पर रेप की धारा में केस दर्ज करना उनके समझ से परे है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सबसे मुश्किल दौर है।
मध्य प्रदेश सरकार चित्तौड़ की रानी पद्मिनी के नाम पर ‘राष्ट्रमाता पद्मावती अवॉर्ड’ की शुरुआत करने वाली है। भोपाल गैंगरेप पीड़िता सबसे पहले यह अवॉर्ड दिया जा सकता है। भोपाल में कोचिंग छात्रा से गैंगरेप का मामला मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा था। 31 अक्टूबर को सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर रही कोचिंग छात्रा से गैंगरेप की वारदात सामने आई थी।

Browse

You may also like