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नज़रिया – क्या अरविंद केजरीवाल ड्रामेबाज़ हैं ?

by Shahnawaz Siddiqui · June 29, 2018

यह लेख हमें आम आदमी पार्टी के शाहनवाज़ सिद्दीक़ी ने भेजा है, इस लेख को हम उनके नाम से ही प्रकाशित कर रहे हैं.

पूरे भारत में 29 राज्य हैं, हर जगह सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खस्ता है, जबकि दिल्ली में सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो गया है, स्कूल विश्वस्तरीय हो गए हैं, सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से आगे निकल गए हैं, और ये इसलिए हो पाया क्योंकि केजरीवाल ड्रामेबाज़ हैं
पूरे भारत में 29 राज्य हैं, सरकारी अस्पतालों की हालत बहुत ही दयनीय है, उत्तर प्रदेश में तो ऑक्सीजन की कमी से सैंकड़ों मासूम बच्चों की मौत हो जाती है, लेकिन दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सारी दवाइयां फ्री हैं, सारे टेस्ट फ्री हैं, सारा इलाज फ्री है और फिर भी अगर किसी को एडमिट होने के लिए बेड नहीं मिलता है तो प्राइवेट हॉस्पिटल में ट्रांसफर हो सकता है और उसका सारा खर्चा भी दिल्ली सरकार देगी, और पता है ये कैसे हो पाया? क्योंकि केजरीवाल ड्रामेबाज़ हैं।
पूरे भारत में 29 राज्य हैं, हर किसी राज्य में बिजली के रेट ₹7/यूनिट से लेकर ₹10/यूनिट है जबकि दिल्ली में 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले को ₹1 प्रति यूनिट देना होता है और 400 यूनिट खर्च करने वाले को ₹2 यूनिट देना होता है, ये चमत्कार भी इसलिए हुआ क्योंकि केजरीवाल ड्रामेबाज़ हैं
पूरे भारत के अंदर 29 राज्य हैं, प्राइवेट स्कूल बच्चों के अभिभावकों से लूट मचाए हुए हैं जबकि दिल्ली के अंदर प्राइवेट स्कूलों ने पैरेंट्स को फीस रिफंड की है और चंद स्कूल जो बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं के हैं उनकी अकड़ निकल गई है, पब्लिक को लूटने वाले प्राइवेट स्कूल के मालिक परेशान हैं क्योंकि केजरीवाल ड्रामेबाज़ हैं

दिल्ली का रहने वाला कोई भी जवान इत्तेफ़ाक से शहीद हो जाता है तो दिल्ली सरकार सम्मान के रूप में 1 करोड़ रुपए देती है ताकि शहीद का परिवार सम्मान की जिंदगी जी सके, इसमें भी केजरीवाल ड्रामेबाज़ हैं
दिल्ली में 15 साल शीला दीक्षित की सरकार थी, उस दौरान 22 कॉलोनियों में ही पाइप लाइन बिछाई गईं थी जबकि केजरीवाल सरकार को अभी 3 साल हुए हैं और इन 3 सालों में 450 कॉलोनियों में पाइप लाइन बिछाकर लोगों की पानी की समस्याएं खत्म की गईं हैं। टैंकर माफियाओं की लूट खसोट बंद कराई है, क्योंकि केजरीवाल ड्रामेबाज़ हैं
दिल्ली के किसानों को पूरे देश में सबसे ज्यादा 50 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिला है, और ये भी सिर्फ इसलिए हो पाया क्योंकि केजरीवाल ड्रामेबाज़ हैं।
ये सब काम तो तब हुए हैं जब मोदी सरकार द्वारा चारों तरफ से दिल्ली सरकार को काम करने नहीं दिया जा रहा

सोचो अगर दिल्ली पूर्ण राज्य हो जाए तो ….?

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