नज़रिया – इंसानी खून की कोई कीमत नहीं, क्या आप राक्षस बन चुके हैं ?
मुझे पता है यह जो मैं लिखने जा रहा हूँ, उससे आप कन्नी काटकर चुपचाप निकल जाएँगे । मेरे लफ़्ज़...
September 18, 2018
मुझे पता है यह जो मैं लिखने जा रहा हूँ, उससे आप कन्नी काटकर चुपचाप निकल जाएँगे । मेरे लफ़्ज़...
मैं हमेशा मानता रहा हूँ कि जेएनयू का आइडियलिज़्म बाहर की दुनिया से मेल नहीं खाता है – इसीलिये वहां...
हम राहुल गांधी को शिक्षा देने के लिए बड़े बेक़रार रहते हैं. क्या करें उम्मीद तो थक हार के कांग्रेस...