Share

लोकसभा 2019 – भागलपुर से पूर्व आईपीएस भी हैं मैदान में

by Khurram Malick · March 31, 2019

भागलपुर – एक ऐतिहासिक शहर। सिल्क की साड़ियों के लिए मशहूर यह शहर एक वक़्त में सिल्क सिटी के लिए मशहूर था। और इस कारोबार से वहां के लोग बहुत खुशहाल थे। लेकिन फिर साल 1989 की वह उजली सुबह जो देखते ही देखते कब काली रात में बदल गई पता ही नहीं चला। और उस रात की जब सुबह हुई तो सब बर्बाद हो चुका था। देखते ही देखते वही लोग जो ख़ुश’ हाली की ज़िंदगी बड़े सुकून से जी रहे थे। अब वह दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर थे। इस एक हादसे ने पूरे शहर का ही इतिहास बदल कर रख दिया और इतिहास की किताब में एक काला अध्याय जुड़ गया।
बात अगर आज़ादी के बाद से लेकर अब तक हुए भागलपुर में हुए लोकसभा चुनावों की करें तो साल 1957 में भागलपुर में पहली बार आम चुनाव हुए थे, जिसे कांग्रेस ने जीता था। इसके बाद 1962, 1967, 1971 में यहां कांग्रेस का ही बोल बाला रहा और भगवत झा आजाद यहां के सांसद रहे लेकिन साल 1977 में यहां राम जी सिंह जनता पार्टी से सांसद चुने गए।
साल 1980 में यहां कांग्रेस की वापसी हुई और भगवत झा एक बार फिर से यहां एमपी चुने गए। वही 1984 में भी उन्हीं का प्रभुत्व यहां पर रहा लेकिन 1989 के चुनाव में यहां जनता दल की जीत हुई और ये सीट 1996 तक जनता दल के ही पास रही, साल 1998 के चुनाव में यहां भाजपा ने जीत के साथ अपना खाता खोला और प्रभास चंद्र तिवारी यहां के सांसद बने।
साल 1999 में यहां सीपीआई ने जीत दर्ज की और साल 2004 के चुनाव में यहां से बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी विजयी हुए। लेकिन साल 2006 में यहां उपचुनाव हुआ जिसमें भाजपा के दिग्गज नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने बड़ी जीत अर्जित की थी। साल 2009 के चुनाव में भी सैयद शाहनवाज हुसैन ही यहां के सरताज रहे लेकिन साल 2014 के चुनाव में उन्हें राजद के हाथों यहां करारी हार मिली।
सनद रहे के पिछले 70 सालों में यहां से सिर्फ़ दो बार ही मुस्लिम चेहरा सदन ने देखा है। और दोनों बार एक ही उम्मीवार भाजपा से शाहनवाज़ हुसैन थे।एक बार तो उपचुनाव में और दूसरी बार आम चुनाव में,लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में यह मात्र 1 प्रतिशत से अपने प्रतिद्वंदी शैलेश कुमार उर्फ़ बोलो मंडल से हारे थे।
इसका साफ़ मतलब है के वहां अगर मुसलमान और दलित एकमुश्त हो कर किसी भी उम्मीदवार को वोट करता है तो उसकी जीत पक्की है। यहां से राजद से शैलेश कुमार उर्फ़ बोलो मंडल, जदयू से अजय कुमार मंडल और बसपा से पूर्व आईएएस M A Ibrahimi ने नामांकन किया है। याद रहे के यह वही एम ए इब्राहिमी हैं, जो भागलपुर के पूर्व प्रमंडलीय आयुक्त और भागलपुर यूनिवर्सिटी के वॉइस चांसलर भी रह चुके हैं और अपने कार्यकाल के दौरान उन्हों ने वहां कई अच्छे काम भी किए थे। ख़ास तौर से उन्हों ने बुनकर समाज के लिए बहुत काम किया है और वहां बुनकर समाज की आबादी 13से 14 प्रतिशत है।
बसपा प्रत्याशी मो. आशिक इब्राहिमी ने कहा कि भागलपुर के विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा हूं। भागलपुर विकास मंच का गठन किया गया है। भागलपुर से हवाई सेवा, स्मार्ट सिटी योजना से शहर का विकास तथा ट्राफिक में सुधार ही एजेंडा होगा। चुनाव का नतीजा तो वक़्त आने पर पता चलेगा लेकिन उम्मीद यही किया जाना चाहिए के वहां की जनता किसी योग्य उम्मीदवार ही संसद में भेजेगी.

Browse

You may also like