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बेंगलुरु से लापता हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कोई सुराग नहीं

by Team TH · December 25, 2017

पिछले एक सप्ताह से पटना के 29 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कोई सुराख नहीं लगा है, जो 18 दिसंबर को रहस्यमय परिस्थितियों में बेंगलुरु के व्हाइटफ़ील्ड एरिया से गायब हो गए थे. ब्रिटिश टेलीकॉम में काम करने वाले अजीतभ कुमार ने पिछले सोमवार को करीब 6:30 बजे घर से निकल गए थे.
अजीताभ के के दोस्त ने अंदेशा जताया कि ‘उन्हें अपने कार के लिए एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस ओएलएक्स पर से संभावित खरीदार से कॉल आया था’.
तभी से अजिताभ के वाहन को भी ट्रेस नहीं किया जा सका है और उसका फोन भी बंद है पुलिस आसपास के क्षेत्र और  टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है.

अजीताभ के एक और दोस्त का कहना हैं कि-

‘वे उसी दिन लगभग 7:10 बजे तक व्हाट्सएप पर एक्टिव थे उसके बाद उनका फ़ोन बन्द हो गया. उसकी लास्ट लोकेशन गुजर के निकट व्हाइटफील्ड पर थी’.

जांच में शामिल पुलिस ऑफिसियल का कहना है कि –

सभी संभावनाओं की जांच कर रहे है. हमने ऑनलाइन पोर्टल से भी डेटा मांगा है हमने अपने कॉल रिकॉर्ड का विवरण भी प्राप्त किया है, “

पुलिस ने कहा कि अब तक की जांच अजीताभ के व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बारे में कुछ भी ज्यादा पता नहीं लगा है. अजीताभ 2010 में बेंगलुरु चले गए और उसके बाद से वह अपने बचपन के दोस्त रवी के साथ व्हाइटफील्ड में रह रहे हैं. अजीताभ ने 2018 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में शामिल होने के लिए अपनी कार बेचना चाहता था और उन्होंने इंटरव्यू पास कर दिया था.
रवि ने बताया कि अभिजात को IIM के MBA में एडमिशन लेना था इसके लिए उसको 20 तारीख तक 5 लाख रुपये जमा करने थे. इसके लिए उसने अपनी कार बेचनी थी. और जब वह घर से निकला था किसी को बताकर नहीं गया था
अजीताभ ने 12 लाख रुपये देकर मारुति सीएज कार खरीदी थी और उन्होंने कुछ हफ्ते पहले olex पर 11.8 लाख रुपये में कार को बेचने का बारे में विवरण दिया था.
अजिताभ के भाई ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि  ‘उन्हें आईआईएम में एडमिशन के लिए एक निजी बैंक में साथ लोन के लिए भी आवेदन किया था,  हमें संदेह है कि शायद उनका कार खरीदने  के बहाने कुछ अज्ञात लोगों द्वारा अपहरण कर लिया गया है. इस तरह गायब होने का कोई भी कारण नजर नहीं आता, जबकि उनका परिवार या दोस्तों के साथ कोई इशू नहीं था.
अजीताभ के दोस्तों और रिश्तेदारों ने उन्हें खोजने के लिए एक ऑनलाइन अभियान भी चलाया हुआ है.

(सोर्स: डेक्कन क्रॉनिकल)

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