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सांप्रदायिकता और नोटबंदी को वजह बताकर, बुद्धिजीवियों ने अमित शाह की सभा में आने से किया इंकार

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अंग्रेज़ी अखबार द हिन्दू की एक खबर के अनुसार, कला या संस्कृति क्षेत्र के कई बड़े नामों ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने से और पश्चिम बंगाल में आयोजित सभा में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
आगामी लोकसभा चुनाव में बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को टक्कर देने के इरादे से आयोजित इस सभा में आने से जिन लोगों ने इंकार किया है, उनमें अभिनेत्री सौमित्रा चटर्जी, प्रसिद्ध थिएटर कलाकार रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता, चन्दन सेन और मनोज मित्रा, गायक अमर पॉल और चित्रकार समीर एच शामिल हैं। सिर्फ यही नहीं, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज अशोक गांगुली, लेखक संतोष राणा भी इस सूची में शामिल हैं।
बुधवार को कोलकाता में श्यामा प्रसाद मूखेर्जी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा भारतीय गीत वन्दे मातरम के लेखक बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय की याद में एक भाषण आयोजित किया है। अभिनेत्री सौमित्रा चटर्जी, बीजेपी राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा द्वारा इसमें आमंत्रित थे लेकिन उन्होंने आने से इनकार कर दिया ।
चटर्जी ने न जाने की ख़ास वजह नोटबंदी और भाजपा के विशेष समुदाय को निशाना बनाने की राजनीति को बताया है।
पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेताओं का विश्वास है की शहर के कम से कम 100 बुद्धिजीवी 2 दिन के कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वहीं भाजपा बुद्धिजीवी सेल के संयोजक पंकज रॉय का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि 650 बुद्धिजीवी शाह के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह अभी नाम नहीं बता सकते क्योकि रूलिंग पार्टी के तरफ से उनपर दबाव बन सकता है और डराया धमकाया भी जा सकता है।