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सांसदों और विधायकों के क्रिमिनल केस वापस नहीं ले पाएंगी सरकारें

by Sushma Tomar · August 11, 2021

सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज (11 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने CBI पर तल्ख टिप्पणी की है वहीं याचिका से सम्बंधित कुछ निर्देश भी जारी किए हैं।

ये याचिका आपराधिक मामलों में सज़ा मिलने के बाद सांसदों और विधायकों को हमेशा के लिए चुनाव लड़ने से रोकने के लिए दायर की गई थी।इसमें सांसदों और विधायकों के केस का निपटारा जल्द हो सके इसलिए एक स्पेशल कोर्ट बनाने की मांग भी की गई है।

तीन जजों की बेंच ने की सुनवाई

सुनवाई करने वाली तीन जजों की बेंच में CJI एनवी रमना,जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विनीत सरन शामिल थे।कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि कोई भी राज्य सरकार अब MP और MLs के क्रिमिनल केस वापस नहीं ले सकेंगी,अगर ऐसा किया भी जाता है तो राज्य हाईकोर्ट की मंजूरी ज़रूरी होगी।

दूसरी ओर सितंबर 2020 के बाद के जितने भी ऐसे केस बंद हुए हैं या वापस ले लिए गए हैं उन्हें राज्य हाईकोर्ट से दोबारा खोलकर सुनवाई करने के लिए कहा है।

चीफ जस्टिस ने की CBI पर टिप्पणी:

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान SC के सहयोगी वकील विजय हंसरिया ने इस तरह के केस में प्रवर्तन निदेशालय ED से रिपोर्ट मिलने की बात कही.

वहीं आगे उन्होंने CBI की तरफ से की जा रही देरी का ज़िक्र करते हुए बताया है कि CBI ने अभी तक किसी भी प्रकार का स्टेटस नहीं दिया है।

इस पर CJI ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा “हमे मालूम है कि सरकार मुद्दों पर गंभीर है और कुछ करना चाहती है,लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार का प्रोग्रेस देखने को नहीं मिला है।जब सीबीआई स्टेटस रिपोर्ट ही नहीं देना चाहती,तो हमसे क्या उम्मीद की जाए।”

CBI को 25 अगस्त तक की मोहलत:

हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की मांग पर CBI को 25 अगस्त तक का समय दिया है।इस समय तक CBI को अपनी स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी।

यदि,ऐसा नहीं होता तो 25 अगस्त की सुनवाई में ठोस फैसला किया जा सकता है.सुप्रीम कोर्ट ने CBI कोर्ट और स्पेशल कोर्ट मे MP और MLA,s के केस पर चल रही सुनवाई को अगले आदेश तक जजों से जारी रखने को कहा है।

गैरतलब है कि अब से MP-MLs के क्रिमिनल केस को वापस लेने के लिए सरकार को राज्य हाईकोर्ट की मंजूरी ज़रूरी है।

कई केस वापस ले चुकी हैं सरकारें:

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में 61 सांसदों-विधायको के केस सरकार वापस ले चुकी है,वहीं यूपी और उत्तराखंड में भी सरकार ने आदेश जारी कर ऐसे केस वापस लिए हैं।

The hindu की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में चुनी गई नई लोकसभा में 43 फीसदी सांसद ऐसे हैं जिन पर क्रिमनल केस चल रहे हैं।ये केस रेप,मर्डर और क्राइम अगेंस्ट वीमेन के अंतर्गत आते हैं।

Oneindia.com के अनुसार 2019 की लोकसभा में तेलंगना (आदिलाबाद) से bjp के सांसद सोयम बापू राओ पर अकेले 52 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

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