कांग्रेस ने सिद्धधू को “कैप्टन” क्यों बनाया है?

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पूर्वं सांसद ओर पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धधू को कांग्रेस ने तत्काल प्रभाव से पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष बना दिया है,जैसा ये कहने में आसान लगा है वैसे ये सब कुछ हुआ नही है,असल मे पिछले कई महीनों से इस कार्यक्रम की स्क्रिप्ट पंजाब से लेकर दिल्ली तक लिखी जा रही थी।

अब अंत मे पता ये चल पाया है कि इस कहानी के “हीरो” नवजोत सिंह सिद्धधू हैं,जिन्हें इनाम मिला है और पूर्व में क्रिकेटर रहें सिद्धधू ने भी इस मौके का बढिया फायदा उठाया है,उन्होंने अपने पिता की तस्वीर जवाहरलाल नेहरू के साथ शेयर करते हुए और प्रदेश के 62 विधायकों के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते हुए शक्ति प्रदर्शन करके दिखाया है।

लेकिन इस बीच मे कहीं भी उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का ज़िक्र नहीं किया है,इस घटनाक्रम को देखते हुए क्या ये मान लिया जाए कि पंजाब की कमान अब नवजोत सिंह के हाथों में हैं? क्या अमरिंदर सिंह को ज़िम्मेदारियों से लगभग मुक्त कर दिया गया है? और अगर ऐसा है तो इसका क्या मतलब है? क्या मायने हैं? आइए समझते हैं।

राजनीति में उम्र बहुत बड़ी समस्या है।

2017 के चुनावों से पहले भी ऐसी ही खटास अमरिंदर सिंह और प्रताप सिंह बाजवा के बीच देखने को मिल रही थी,उस वक़्त बाजवा प्रदेश अध्यक्ष थे,लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अपने दिग्गज नेता अमरिंदर सिंह को तरज़ीह देते हुए बाजवा से प्रदेश अध्यक्ष का पद ले लिया था।

हालांकि में बाद में बाजवा जी को राज्यसभा भेज कर डेमेज कंट्रोल कर लिया गया था,लेकिन “महाराजा” अमरिंदर सिंह को फ्री हैंड दिया गया और उसका असर भी हुआ था,पंजाब में कांग्रेस की सत्ता लौट आयी उस वक़्त भी नवजोत सिंह के नाम पर बहुत शोर हुआ था,लेकिन अंत मे उन्हें “लाल बत्ती” देकर शांत किया गया था।

मगर अब हालात बदल गए हैं,पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहें अमरिंदर सिंह अगले चुनावों के समय तक 80 बरस के हो गए होंगे,और 80 साल के किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद का दावेदार पेश करने का रिवाज़ देश मे कहा रहा है।

वहीं 80 के बाद तो प्रधानमंत्री का पद भी “पीएम इन वेटिंग” की लिस्ट में आ जाया करता है,खैर अमरिंदर सिंह की दावेदारी के सामने सबसे बड़ी समस्या यही है कि,कांग्रेस भविष्य के हिसाब से रणनीति बना रही है और इस रोल में अमरिंदर सिंह फिट नही हैं।

अगर भविष्य के हिसाब से देखें तो 57 साल के नवजोत सिंह सिद्धधू पार्टी के लिए भविष्य का एक बहुत बड़ा चेहरा हैं,क्योंकि जबसे सिद्धधू पार्टी में आये हैं तब से अब तक कांग्रेस ने उन्हें “स्टार प्रचारक” को तरह देखा है,और देश भर में उन्हें लगातार प्रचार के लिए भेजा भी है,इसलिए कांग्रेस सिद्धधू को बहुत उम्मीदों से देख रही है।

क्या है पंजाब की मौजूदा राजनीतिक स्थिति?

फिलहाल पंजाब में कांग्रेस की सरकार है,और मुख्य विपक्षी दल के तौर पर आम आदमी पार्टी है,और अकाली दल ने सत्ता में वापस लौटने के लिए बसपा से गठबंधन किया है,और भाजपा अकालियों से गठबंधन टूटने के बाद से रेस से बाहर है,और कांग्रेस इस स्थिति में सत्ता वापसी चाहती है।

वहीं नेता के तौर पर बात की जाए तो अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल हैं और उन्होंने उनकी तस्वीरों के साथ उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करना लगभग शुरू कर दिया है,वहीं आम आदमी पार्टी चेहरे के आभाव से झूझ रही है,और उसने तो अब तक सिद्धधू पर डोरे डाले थे की किसी तरह वो पार्टी में आ जाये और मुख्यमंत्री का चेहरा सिद्धधू को बना दें।

इस लिहाज से कांग्रेस राज्य में मज़बूत है,और वो अभी तक की स्थिति में सत्ता में वापसी करती हुई नजर आ रही है और बची कमज़ोर कड़ियों को दूर करने के लिए पार्टी ने सिद्धधू को उतार ही दिया है।