नागालैंड में स्थानीय निवासियों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

Share
Sushma Tomar

शनिवार 4 दिसम्बर को पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में सेना के हाथो 13 ग्रामीणों की मौत हो गयी। इसके बाद से राज्य में ग्रामीणों का गुस्सा सातवे आसमान पर हैं। घटना नागालैंड में मौन जिले के ओटी गांव में हुई। सेना के मुताबिक उन्हें आतंकवादियों के इलाके में छिपे होने की पुख्ता जानकारी मिली थी। जिसके बाद सेना ने ऑपरेशन शुरू किया। समाचार एजेंसी ANI को असम राइफल के अधिकारियो ने कहा , की ग्रामीणों की मोत बेहद दुखद हैं, यह गलत पहचान का मामला हैं। इसकी उच्च स्तरीय जाँच की जाएगी ,आर्मी ने कोड ऑफ़ इन्कवेरी की बात की है।

नागालैंड में ये घटना सांस्कृतिक पर्व हॉर्न्विल वेस्टिवल से पहले हुई है। इस वेस्टिवल के लिए कई राजनाइक राज्य पहुँच चुकें थे , हालाँकि घटना के बाद वेस्टिवल रद्द कर दिया गया। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया। वहीं घटना की जाँच के लिए SIT भी गठित की गयी है। मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दुःख जताया वहीं संसद में इस मामले पर जाँच की बात कही . 

सुचना के आधार पर हुई थी फायरिंग :

असम राइफल ( सेना) के मुताबिक , उन्हें पुख्ता जानकारी मिली थी, इलाके में आतंकवादी ( उपद्रवी ) छिपे हुए हैं। जानकारी के आधार पर फायरिंग की गयी , जिस गाड़ी पर फयरिंग की गयी उसमे स्थानीय लोग निकले। ये गलत पहचान का मामला है। सेना ने अपने बयान में कहा , ” घटना निंदनीय है हमें घटना पर अफ़सोस हैं , घटना की उच्च स्तरीय जाँच चल रही है , कानून के मुताबिक कार्यवाही कीजाएगी।

image credit : google


वहीं घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति है। गुस्साए लोगो ने सेना को घेर लिया उनकी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं लोगो ने सेना के केम्प पर भी हमला किया। मामलें को सँभालने के लिए सेना को फिर एक्शन लेना  पड़ा।


घटना पर नेताओ ने क्या कहा :

मामले पर नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा , ” मारे गए लोगो के शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदनाए प्रकट करते हैं और घायलों के ठीक होने  की प्रार्थना करते हैं। जाँच के लिए उच्च स्तरीय SIT का गठन किया गया है और कानून के अनुसार ,न्याय किया जाएगा ,सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील हैं “

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट में कहा , ” मामले की जाँच के लिए SIT का गठन किया गया है जो शोकाकुल परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी” अमित शाह ने संसद में भी मामले की जांच की बात की। वहीं संसद में उन्होंने ये भी कहा  ,की भीड़ को तीतर बितर करने के लिए सेना ने एक्शन लिया था।

image credit : google


एनडीपीपी के सांसद टी येपथोमि ने संसद में पूरा मामला बताते हुए इस मामले पर सवाल उठाए। वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मामले पर कहा , प्रधानमत्री और गृह मंत्री इस पर अपनी जवाब देहीं दें। सभी पार्टियों को बुलाकर पूर्वोत्तर में बिगड़ रही कानून व्यवस्था पर बात की जाए

AFSPA को लेकर फिर उठ रहे सवाल :

पूर्वोत्तर राज्यों में AFSPA यानि armed force special power act को लेकर पहले भी सवाल उठते रहें हैं। लेकिन इस घटना ने फिर एक बार आम नागरिको पर इस एक्ट के माध्यम से हो रही बर्बरता और जात्तियो को केंद्र में लेकर खड़ा कर दिया है। बता दें की ये एक्ट AFSPA 1958 का संसद द्वारा पास किया गया एक्ट है जो सेना को स्पेशल पावर देता है। इस एक्ट के अंतर्गत 1975 के distureb areas एक्ट के तहत सेना अशांति वाले इलाको में पुब्लिक आर्डर जारी कर सकेगी। ये कानून पूर्वोत्तर राज्यों में लागु हैं। जिनमें नागालैंड , असम त्रिपुरा जैसे अन्य राज्य शामिल हैं।