Share

जब 200 किलो के किंग कॉन्ग को दारा सिंह ने रिंग के बाहर फ़ेक दिया था

by Manoj · July 12, 2021

रुस्तमे हिंद मशहूर पहलवान दारा सिंह ने 12 जुलाई 2012 में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। अपनी ज़िंदगी के 55 साल उन्होंने कुश्ती में और अखाड़े में गुजार दिए और करीबन इतने ही साल उन्होंने फिल्म जगत को भी दिए । कहा जाता है की कुश्ती के करीब 500 से ज्यादा मुकाबलों में उन्हें कभी कोई हरा ही नहीं पाया। सन् 1983 में जब उन्होंने अपना कुश्ती का आखिरी मुकाबला लड़ा उसमें भी उन्हें जीत ही हासिल हुई। सन् 19 नवंबर 1928 को अमृतसर में पैदा हुए दारा सिंह रंधावा के जीवन से जुड़ी काफी ऐसी बाते हैं जो सबको नहीं मालूम । आज हम उनकी ज़िंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बताएंगे।

बहुत कम उम्र से ही दारा सिंह अपने गांव में खेतीबाड़ी का काम किया करते थे। उनके घरवालों ने उनकी शादी बचपन में ही ज़बरदस्ती करा दी थी। कहते हैं उनकी दुल्हन उनसे लंबी और काफी तंदुरुस्त थी इसलिए उनके घरवालों को ये चिंता होने लगी कि कहीं दारा सिंह अपनी पत्नी से कमज़ोर न दिखने लगे। इसलिए उनके घरवाले उनकी खुराक पर काफी ध्यान देते हुए उन्हें खूब दूध, दही के साथ-साथ ढ़ेर सारे बादाम भी खिलाया करते थे। बस फिर क्या था यहीं से उनके शरीर की ग्रोथ काफ़ी अच्छी हुई और वे बहुत हट्टे कट्टे हो गए। कहते हैं कि उनकी पहली प्रोफेशनल फाइट एक इटैलियन रेसलर से हुई थी। दोनों के बीच हुआ वो मुकाबला ड्रॉ था। उस मुकाबले में उनकी कुश्ती करने की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें 50 डॉलर इनाम भी दिया गया था।

सन् 1947 में सिंगापुर में हुए पहलवानी कम्पटीशन में उन्होंने भाग लिया। इस कम्पटीशन में उन्होंने चैम्पियन तारलोक सिंह को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। इसके बाद देश विदेशों में उनके नाम के चर्चे होने लग गए। सन् 1954 में वे भारतीय कुश्ती के चैम्पियन भी बने। इसके बाद वो इतने प्रसिद्ध हो गए कि सन् 1959 में कनाडा और नूज़ीलैंड के वर्ल्ड चैम्पियंस ने कॉमनवेल्थ कुश्ती चैम्पियनशिप में दारा सिंह को खुली चुनौती दे दी। दारा सिंह ने उस चुनौती को स्वीकार किया और दोनों फाइटरों को हरा दिया। सन् 1968 में उन्होंने अमरीका के वर्ल्ड चैम्पियन को हराया और फ्री स्टाइल कुश्ती के वर्ल्ड चैम्पियन बन गए।

एक बार रांची में कुश्ती का प्रोग्राम किया गया था। वहा दारा सिंह का मुकाबला नामी फाइटर किंग कांग के साथ हुआ। उस समय रुस्तमे हिंद दारा सिंह थे 130 किलो के और वो 200 किलो का। उन्होंने किंग कांग को ऐसा पटका कि वो रिंग के बाहर जाकर गिरा। वो मैच बहुत लोकप्रिय था जब 60 के दशक में उस मैच की टिकट 30 रुपए की थी लोग फिर भी इस मैच को देखने गए थे क्योंकि उन्हें दारा सिंह की कुश्ती देखनी थी।

उनके कुश्ती के समय के दौरान एक अफवाह उड़ी थी कि जो भारतीय व्यक्ति कुश्ती में इतना माहिर है वो असल में वो असली दारा सिंह है ही नहीं। किसी ने यह अफवाह फैलाई थी की अब असली दारा सिंह आ गया है। उसने कहा “मैं जेल में बंद था, उसने मेरा नाम इस्तेमाल करके वाहवाही लूटी है।” जेल से आजाद होकर उस आदमी ने दारा सिंह को कुश्ती के लिए चुनौती दी थी। दोनों के बीच में घमासान लड़ाई हुई और मैच में खूब कमाई हुई थी। बाद में पता चला कि वो आदमी और कोई नहीं बल्कि दारा सिंह के ही भाई थे जिनका नाम था रंधावा जो बाद में फिल्मों में भी दिखे और अपने स्टंट की कला के लिए प्रसिद्ध हुए। दारा सिंह का फिल्मों में करियर भी काफ़ी अच्छा रहा। अपने फिल्मी करियर के समय उन्होंने कुल 146 फिल्मों में काम किया था । रुस्तमे हिंद दारा सिंह को बॉलीवुड का एक्शन किंग कहा जाता है। दारा सिंह को आज भी उनके रामायण में किए गए हनुमान जी के किरदार के लिए याद किया जाता है।

Browse

You may also like