Share

प्रशांत भूषण पर आपकी जो भी राय हो, पर आपको ये पढ़ना चाहिए !

by Krishna Kant · August 19, 2020

मुझे हैरानी इस बात की नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अवमानना दोषी माना, हैरानी इस बात की है कि हमारे समाज ने प्रशांत जैसे लोगों को कभी नहीं पहचाना।

एक पीआईएल वॉरियर, एक चर्चित वकील, एक ईमानदार आदमी, कानून में भरोसा रखने वाला और कानून के जरिये सुधारों का रास्ता तलाशता एक व्यक्ति आज सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का दोषी माना गया। वही कोर्ट जिसके समक्ष बतौर वकील प्रशांत भूषण का 500 से ज्यादा जनहित याचिकाएं दायर करने का रिकॉर्ड है।यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार का धब्बा लगा तो उसका सबसे बड़ा श्रेय प्रशांत भूषण को था। कॉमनवेल्थ घोटाले में भूषण प्रमुख याचिकाकर्ता थे, इसके बाद टूजी घोटाला, कोयला घोटाला आदि में वे याचिकाकर्ता बने।

मोदी सरकार आने के बाद भी उन्होंने अपना रास्ता नहीं बदला। उन्होंने राफेल मामले को उठाया, उन्होंने घर भागते मजदूरों के मसले को लेकर याचिका दायर की, उन्होंने पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता को लेकर याचिका दायर की।

भूषण ने जज लोया की मौत का मामला अदालत में उठाया. उन्होंने आरटीआई कानून को कमजोर का मसला उठाया, उन्होंने लोकपाल को कमजोर करने का मसला उठाया. यह अलग बात है कि पिछले कुछ सालों में अदालत ने उनकी ज्यादातर याचिकाओं पर कोई संतोषजनक निर्णय नहीं दिया है और जनता को भी निराश किया है।

ये प्रशांत भूषण ही हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट को सील बंद लिफाफे में हलफनामा देकर आरोप लगाया था कि मेरा निजी तौर पर अनुभव है कि सुप्रीम कोर्ट के 16 पूर्व जजों में आठ भ्रष्ट थे।

प्रशांत भूषण मेरी जानकारी में एक ऐसे शख्स हैं जो इस देश में लोकतंत्र और कानून के शासन के सच्चे प्रतिनिधि हैं, मैं जबसे उन्हें जानता हूं, तबसे लगातार वे सरकारों के खिलाफ, जनता का पक्ष लिए अदालतों में खड़े रहे. कई बार उन्हें सफलता मिली, कई बार निराशा मिली।

सभी जज उन्हें निजी तौर पर जानते हैं, अगर जजों की राजनीतिक संलिप्तता पर उन्होंने सवाल उठाया तो यह गंभीर मसला है। इस पर सुधार की पहल करने और राजनीति से दूरी बनाने की जगह, कोर्ट उन्हीं को आलोचना करने का दोषी मान रही है, कई पूर्व जजों की अपील के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना की कार्यवाही जारी रखी है।

मुझे निजी तौर पर लगता है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट को भूषण के लीगल एक्टिविज्म का शानदार रिकॉर्ड देखना चाहिए और दिल बड़ा करके उन्हें कोई सजा नहीं सुनानी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो यह न्याय प्रणाली पर एक धब्बा होगा।

 

Browse

You may also like