Share

ग़ज़ल- तू अपनी जान पे तलवार बन के बैठा है अमीर हो के भी नादार बन के बैठा है – "ख़ान"अशफाक़ ख़ान

by Team TH · February 20, 2017

तू अपनी जान पे तलवार बन के बैठा है
अमीर हो के भी नादार बन के बैठा है
मेरी अना ने ही मगरूर कर दिया मुझको
मेरा वजूद ही दीवार बन के बैठा है
मैं तेरे शह्र में अनजान बन के रहता हूँ
न जाने कौन है ? दिलदार बन के बैठा है
मैं तेज धूप में सर को छुपाने आया था
यहाँ तो शम्स ही दीवार बन के बैठा है
चमन में तितलियाँ आएं तो किसलिए आएं
यहाँ तो माली ही पुर खार बन के बैठा है
“ख़ान”अशफाक़ ख़ान

Browse

You may also like