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द ईकॉनॉमिस्ट – दो कवर स्टोरीज़ और भारत

by Gireesh Malviya · January 24, 2020

पहली तस्वीर लंदन से प्रकाशित होने वाली अंग्रेज़ी पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट की है, अक्तूबर 2010 में ‘द इकोनॉमिस्ट’ का यहअंक भारत की अर्थव्यवस्था पर था।

उस समय की कवर स्टोरी का शीर्षक था ‘हाउ इंडियाज़ ग्रोथ विल आउटपेस चाइनास’ (कैसे भारत की वृद्धि दर चीन से आगे निकल रही है)। उस लेख में भारत की अर्थव्यवस्था की तारीफ़ की गई थी। लेख में कहा गया था कि भारत में प्राइवेट कंपनियां बेहद मज़बूत हैं और उससे देश की अर्थव्यवस्था में मज़बूती है।

दूसरी तस्वीर ‘द इकोनॉमिस्ट’ के 25 जनवरी, 2020 के अंक की है

इसकी कवर स्टोरी है ‘इंटोलरेंट इंडिया, हाउ मोदी इज़ एंडेंजरिंग द वर्ल्ड्स बिगेस्ट डेमोक्रेसी’ (असहिष्णु भारत, मोदी कैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को ख़तरे में डाल रहे हैं)।  स्टोरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की समीक्षा की गई है और लिखा गया है, कि मोदी एक सहिष्णु, बहु-धार्मिक भारत को एक हिंदू राष्ट्र में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि नागरिकता संशोधन क़ानून एनडीए सरकार का एक महत्वाकांक्षी क़दम है। लेख में कहा गया है कि सरकार की नीतियां नरेंद्र मोदी को चुनाव जीतने में मदद कर सकती हैं। लेकिन वही नीतियां देश के लिए ‘राजनीतिक ज़हर’ हो सकती हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कमतर करने की प्रधानमंत्री मोदी की नई कोशिशें भारत के लोकतंत्र को नुक़सान पहुंचाएंगी जो दशकों तक चल सकता है।

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