गज़ल – मैं काँपने लगा हूँ दूरियाँ बनाते हुए
मैं काँपने लगा हूँ दूरियाँ बनाते हुए मुहब्बतों से भरी कश्तियाँ डुबाते हुए गुज़र गई है फकत सीढियाँ बनाते हुए...
November 2, 2019
मैं काँपने लगा हूँ दूरियाँ बनाते हुए मुहब्बतों से भरी कश्तियाँ डुबाते हुए गुज़र गई है फकत सीढियाँ बनाते हुए...
उत्तर प्रदेश पुराने समय से ही कवियों, लेखकों का गढ़ रहा है. तुलसीदास, सूरदास सरीखे कई कवियों ने हिंदी भाषा...