व्यक्तित्व – कहते हैं कि, ग़ालिब का है अंदाज़ ए बयां और
आह को चाहिये, इक उम्र असर होने तक, कौन जीता है, तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक ( ग़ालिब ) आह, का असर हो, इसके लिए,...
आह को चाहिये, इक उम्र असर होने तक, कौन जीता है, तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक ( ग़ालिब ) आह, का असर हो, इसके लिए,...
मिर्ज़ा गा़लिब के यौमे पैदाइश के बारे मे सही इल्म नहीं है। फिर भी जो सनद हासिल हैं उनके ज़रिए मालूम होता है कि 27 दिसंबर...