अमान/रियाद:
सऊदी अरब ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे फिलिस्तीनी प्रशासन को राहत देते हुए 30 मिलियन डॉलर (लगभग 250 करोड़ रुपये) की सहायता राशि प्रदान की है। यह मदद अमान स्थित सऊदी दूतावास के ज़रिए दी गई, जिसे फिलिस्तीन के वित्त मंत्री ओमर अल-बितर ने औपचारिक रूप से स्वीकार किया।
फिलिस्तीनी प्रशासन इस समय गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है। प्रशासन का कहना है कि इस संकट की एक बड़ी वजह इस्राइली नीतियाँ हैं, जो आर्थिक संसाधनों को सीमित करने और संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। हाल के महीनों में कई सरकारी विभागों को तनख्वाह देने में देरी हुई है, और स्वास्थ्य तथा शिक्षा जैसे ज़रूरी सेवाओं पर इसका सीधा असर पड़ा है।
सऊदी अरब की स्थायी समर्थन नीति
फिलिस्तीनी वित्त मंत्री ने इस सहायता को “सऊदी नेतृत्व की फिलिस्तीन के प्रति लगातार समर्थन नीति” का हिस्सा बताया। उन्होंने सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि यह रकम अस्पतालों के संचालन, दवाओं और ज़रूरी उपकरणों की खरीद, स्कूलों को चालू रखने और कर्मचारियों की सैलरी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा, “फिलिस्तीनी जनता और नेतृत्व सऊदी अरब की इस मदद के लिए आभारी है। यह ऐसे समय में आई है जब हमारी वित्तीय स्थिति बेहद नाजुक दौर में है।”

अब तक 5.3 अरब डॉलर की मदद
सऊदी अरब, खासतौर पर उसकी राहत एजेंसी KSrelief, लंबे समय से फिलिस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता कार्यक्रम चला रही है। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक सऊदी अरब की तरफ से फिलिस्तीन के लिए कुल 5.3 अरब डॉलर से अधिक की मदद दी जा चुकी है, जो कि स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, पुनर्वास और आपदा राहत जैसे 289 से अधिक प्रोजेक्ट्स पर खर्च हुई है।
इस्राइली नीतियों पर सवाल
फिलिस्तीनी अधिकारी लगातार इस्राइल पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वह जानबूझकर आर्थिक दबाव बना रहा है। खासतौर पर टैक्स कलेक्शन को रोकने या उसे रोककर रखने जैसी रणनीतियों के कारण फिलिस्तीनी प्रशासन के पास कर्मचारियों की सैलरी देने और सार्वजनिक सेवाएं चलाने के लिए फंड की भारी कमी हो गई है।
हालांकि इस्राइल का कहना है कि यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाए जा रहे हैं, लेकिन फिलिस्तीनी पक्ष और कई अंतरराष्ट्रीय संगठन इसे “आर्थिक दमन” की रणनीति मानते हैं।
आगे की राह
वित्तीय संकट और इस्राइल के साथ तनाव के बीच फिलिस्तीनी प्रशासन के लिए यह सऊदी मदद एक अस्थायी राहत जरूर साबित हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि में स्थिति को स्थिर करने के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहयोग और राजनैतिक समाधान की ज़रूरत बताई जा रही है।