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रोहिंग्या मुसलमानो के नरसंहार में फेसबुक की भूमिका : UN

by Syed Asif Ali · March 14, 2018

अल-जज़ीरा के अनुसार म्यांमार में नरसंहार की जाँच करने पहुंचे संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने एक ये भी निष्कर्ष निकाला है कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानो (अल्पसंख्यकों) के नरसंहार के पीछे फेसबुक का भी बड़ा हाथ रहा है, और बहुसंख्यक बौद्ध अतिवादियों ने हिंसा, नफरत, और उन्माद भड़काने के लिए फेसबुक का खुलकर उपयोग किया ।
म्यांमार में संभावित नरसंहार की जांच करने वाले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि फेसबुक ने बहुसंख्यकों में मुस्लिम रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत के बयानों को फैलाने में एक भूमिका निभाई है।
दिसंबर 2017 तक म्यांमार में मारे गए रोहिंग्या मुसलमानो की संख्या लगभग 13000 तक बताई गयी है, इसके अलावा पिछले अगस्त में एक सैन्य कार्रवाई के बाद से 650,000 से अधिक रोहंगिया म्यांमार के रखाइन राज्य से बांग्लादेश में भाग गए हैं।
म्यांमार पर संयुक्त राष्ट्र स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय फैक्ट फाइंडिंग मिशन के अध्यक्ष मरज़ुकी डारसमैन ने संवाददाताओं को बताया कि सोशल मीडिया ने म्यांमार में “निर्धारित भूमिका” निभाई है।

Image Credit – Aljazeera

इस सोशल मीडिया ने म्यांमार में हिंसा, विरोधाभास और संघर्ष को बढ़ने में महत्वपूर्ण रूप से योगदान दिया, जहां तक ​​म्यांमार की स्थिति का सवाल है वहां सोशल मीडिया मतलब फेसबुक है, और सिर्फ फेसबुक ही सोशल मीडिया है।
म्यांमार में UN इन्वेस्टिगेटर यांगी ली कहते हैं कि म्यांमार में फेसबुक के माध्यम से सब कुछ किया जाता है,” उन्होंने संवाददाताओं से कहा, फेसबुक ने गरीब देशों की मदद की थी, लेकिन यहाँ म्यांमार में इसका इस्तेमाल हेट स्पीच और हिंसा भड़काने के लिए किया गया था।
वो आगे कहती हैं कि हम जानते हैं कि अतिवादी बौद्ध राष्ट्रवादियों ने फेसबुक को एक हथियार के तौर पर रोहंग्या या अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और घृणा फ़ैलाने के लिए इस्तेमाल किया, मुझे डर है कि फेसबुक यहाँ एक आदमखोर के रूप में बदल गया है, जो कि इसका मूल उद्देश्य नहीं है।
वहीँ UN की फैक्ट फाइंडिंग टीम के आरोपों पर फेसबुक ने हमेशा की तरह रटी रटाई प्रतिक्रिया दी है कि हम हिंसा और नफरत को रोकने के लिए म्यांमार के विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं, और हम अपने समुदाय को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए स्थानीय विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे ।

सोर्स – अलजज़ीरा

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