अब सरकार हाथ खड़े करने लगी है पेट्रोल-डीज़ल-गैस पर क़ाबू पाना उसके हाथ में नहीं है.

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पेट्रोल-डीज़ल-गैस पर अब सरकार हाथ खड़े करने लगी है. खुलकर कहने लगी है इस पर क़ाबू पाना उसके हाथ में नहीं है.

  • चार साल पहले जादूगर गोगा की तरह नरेन्द्र मोदी हर समस्या का समाधान छड़ी घुमाते ही दे देते थे. अब इनके हाथ में कुछ नहीं रहा.
  • 2017 में मोदी जी ने देश को नए साल का तोहफ़ा दिया. तोहफ़े के तहत पेट्रोल-डीज़ल के दाम को डेली बेसिस पर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से जोड़ दिया.
  • उस वक़्त अनुपम खेर जैसे अर्थशास्त्री मोदी के विजन पर मोहित थे. अब इसी विजन को आधार बनाकर रविशंकर प्रसाद हाथ खड़े कर रहे हैं.
  • मोदी का हर फैसला मोदी को पलटकर डस रहा है. लेकिन ONGC का निदेशक संबित पात्रा लोगों को शरीर में ज़हर भरने के फ़ायदे बताता रहता है. भक्त वाह-वाह करते रहते हैं.
  • नोटबंदी, जीएसटी, डीजल-पेट्रोल सब 180 डिग्री उलट नतीजे दे रहा है. कल को मोदी और उनके मंत्री कह देंगे कि सरकार चलाना सरकार के हाथ में नहीं है. तब, हैरान मत होइएगा.

रविशंकर प्रसाद ने मज़ा ला दिया है आज

  1. पेट्रोल-डीज़ल के दाम को रोकना हमारे हाथ में नहीं है.
  2. अमेरिका में शेल गैस का उत्पादन नहीं हो रहा. इसलिए हम मजबूर हैं.

आपके हाथ में रूमाल है जिसे आप कबूतर बनाकर उड़ाने वाले थे. अब रूमाल ही किसी ने झटक दिया. कर्नाटक में चुनाव था तो 19 दिनों के लिए नियंत्रण उधार में लिया था. शेल गैस की जाने दीजिए. नाले वाली गैस क्यों नहीं ट्राई करते आप?