जानिए क्यों दक्षिण अफ्रीका में अचानक 72 लोग मर गए

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दक्षिण अफ्रीका में पिछले पांच दिनों से हिंसा का माहौल है, वाहनों में लगी आग के कारण सड़के धुआँ धुआँ हैं, दुकानों और मकानों में लगातार लूटपाट हो रही है, वहां से हिंसा की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो किसी को भी विचलित कर सकती हैं।

बीबीसी द्वारा रिकॉर्ड किये गए एक वीडियो में एक मां अपनी ही बच्ची को छत से फेंकती हुई नजर आ रही है, हालात को काबू किये जाने के लिए हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना की तैनाती कर दी गयी है, लेकिन हालात अब भी नाज़ुक बने हुए हैं।

क्यों जल रहा है दक्षिण अफ्रीका?

दरअसल,बीते हफ्ते गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब ज़ूमा को अदालत ने 15 महीने कैद की सज़ा सुनाई है।जिसके बाद से ज़ूमा के समर्थकों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

शॉप,शॉपिंग मॉल में लूटपाट हो रही है। वाहनों और मकानों में आगजनी भी की गयी है, ब्लडबैंक तक पर डाका डाला गया है।

जैकब ज़ूमा पर अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार करने के आरोप है, ज़ूमा को अदालत की अवमानना करने के लिए दोषी भी ठहराया गया है, हालांकि ज़ूमा इन आरोपों से इनकार करते आएं हैं।

महिला ने बच्ची को इमारत से क्यों फेंका

मंगलवार को डरबन के सेंट्रल बिज़नेस डिस्ट्रिक्ट के एक अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर लूटपाट करने वालो ने आग लगा दी। जिसके बाद कुछ लोग अपार्टमेंट में ही फंस गए। इसी में शामिल थी वो महिला जिसने जलते अपार्टमेंट से बचाने के लिए बच्ची को इमारत से नीचे फेंक दिया।

सड़कों पर मदद के लिए आए लोगो ने बच्ची को बचा लिया। इस दौरान बचाव दल घटना स्थल पर करीब 20 मिनट बाद पहुंचा।।

90 के बाद दक्षिण अफ्रीका में हुई सबसे बड़ी हिंसा

जोहान्सबर्ग, सोवोट,गाउतेंग और कुवाजुलु नटाल में सबसे अधिक हिंसा हुई है। अब तक कि हालिया स्थिति के मुताबिक 72 लोगो की जान जा चुकी है, 200 से अधिक मॉल और शॉप  लूटी जा चुकी हैं।

दक्षिण अफ्रीका की पुलिस के मुताबिक अभी तक दंगा भड़काने वाले 12 संदिग्धों की पहचान की हो चुकी हैं। साथ ही 1,234 लोगो को गिरफ़्तार किया जा चुका हैं।

इस घटना पर राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने इसे 90 के दशक के बाद कि सबसे भीषण हिंसा बताई है,गौरतलब है कि 90 के दशक में रंगभेद को लेकर दक्षिण अफ्रीका में इस प्रकार की हिंसा हो चुकी है।

मंत्रियों ने चिंता जताई है।कहा है कि अगर ऐसे ही लूटपाट होती रही तो प्रभावित क्षेत्रों में बुनयादी खाने पीने की समाप्ति हो जाएगी।ये ज़्यादा संकट की स्थिति होगी।

बहरहाल,दक्षिण अफ्रीका में अभी आपातकाल को लेकर किसी भी प्रकार की घोषणा से इंकार किया जा राहक़ह है।