कंगना रनौत ने ट्वीट करके मोदी सरकार द्वारा कृषि सुधार (Agro Reform) के नाम पर बनाए गए तीन नए कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को आतंकी बताया है। कंगना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) के एक ट्वीट पर अपनी यह टिप्पणी की है।
फिलहाल हम बात करते हैं, कंगना के ताज़ा विवाद पर, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को कन्वेंस करने वाले ट्वीट पर कंगना ने नए कृषि कानूनों का विरोध करने वालों को आतंकी बताया था।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा था – मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं: MSP की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।
प्रधानमंत्री के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कंगना रनौत ने लिखा- प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे ग़लतफ़हमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने की ऐक्टिंग करे, नासमझने की ऐक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिज़ेन्शिप नहीं गयी मगर इन्होंने ख़ून की नदियाँ बहा दी।
कंगना के इस किसान विरोधी ट्वीट का जवाब देते हुए कई लोगों ने कंगना की जमकर क्लास लगाई
पत्रकार मीना कोतवाल लिखती हैं – देश के किसानों ने मजबूरन पेशाब पिया, ये तस्वीरें देख कर रूह कांप गई थी। अपनों की खोपड़ी लेकर इन्होंने कई दिनों तक प्रदर्शन किया लेकिन इनकी नहीं सुनी गई। शर्म आती है कि आप जैसे कुछ लोगों ने अपनी जमीर बेच खाई है और देश के अन्नदाताओं के साथ गद्दारी कर रहे हैं।
https://twitter.com/KotwalMeena/status/1307733536879775744
मयंक सक्सेना लिखते हैं – सोनिया गांधी जी से अभद्रता कर दी, जया बच्चन जी को ग़लत बता दिया, उर्मिला मातोंडकर पर “सॉफ़्ट पौर्न” का इल्ज़ाम लगा दिया, उद्धव ठाकरे पर अभद्रता कर दी, और अब किसानों को “आतंकी” बता दिया। अगर भाजपा का हाथ आपके ऊपर हो तो आप कुछ भी बकवास कर सकते हैं, फिर भी Y-plus सिक्योरिटी मिलेगी।
कंगना द्वारा किसानों को आतंकी बताये जाने से उन किसानों के सम्मान को ठेस पहुंची है, जो दिन रात एक करके किसान हित में उनके लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। कंगना ने तो सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर ट्वीट करके अपने हितों को साध लिया है, पर क्या कृषि हित के विरुद्ध बोलने वाली कंगना किसानों से माफ़ी माँगेंगी ?
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