जम्मू कश्मीर पुलिस का डीएसपी दविंदर सिंह याद है ना, जिसे इसी साल जनवरी में एक डीआईजी ने उस समय पकड़ा था जब वह किसी 20 लाख के इनामी खूंखार आतंकवादी को लेकर दिल्ली आ रहा था । बाद में उसके घर से बड़ी मात्रा में हथियार भी जप्त हुए थे। जब उसे पकड़ा तो उसमें डीआईजी को कहा भी था कि मेरा खेल मत खराब करो। वह खेल आखिर क्या था? उसका खुलासा तो हो नहीं पाया क्योंकि केंद्र सरकार ने तुरत फुरत उस केस को एनआईए को सौंप दिया था।
दक्षिण कश्मीर के सोपियां जिले के मालडूरा के रहने वाले मीर को जम्मू से गिरफ्तार किया गया और उस पर विभिन्न आतंकी संगठनों को हथियार मुहैया कराने में संलिप्त होने का आरोप है। वह मालडुरा का सरपंच भी रहा है।
जांच से जुड़े एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक “हमने मीर को कश्मीर में आतंकवादियों को लॉजिस्टिक मदद मुहैया कराने में उसकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया है।” अधिकारी ने कहा कि मीर लंबे समय से आतंकवादियों के साथ सक्रिय था और कई मौकों पर घाटी में उसने आतंकवादियों को समर्थन दिया था।
मीर वर्ष 2014 में वाची (wachi) विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुका था लेकिन उसे लगभग 1,000 वोट ही मिल सके थे। मीर को दक्षिण काश्मीर में भा ज पा को स्थापित करने का आधार माना जाता है।
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