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फासीवादी ताकतें हिन्दू और मुस्लिम में भेद नहीं करतीं !

by Amaresh Mishra · October 13, 2018

6 अक्तूबर को अलीगढ में बजरंग दल ने हमारे ऊपर हमला किया। हम वहां पुलिस,गुंडों व सांप्रदायिक ताकतों के गिरोह द्वारा की गई ब्राहमणों और मुसलमानों की हत्याओं के बारे में जानकारी इकठ्ठा करने गए थे। पाखुड़ी पाठक और उनकी टीम भी मेरे साथ थी। हिन्दू /सनातनी पहली बार बजरंगियों को ललकारने पहुंचे थे।
यह आरएसएस-बजरंग दल और भाजपा द्वारा पोषित गुंडों व सांप्रदायिक ताकतों के फासीवादी गिरोह को आमने-सामने की टक्कर देने की एक कवायद भर नहीं थी। बल्कि वस्तुत: यह एक नए अध्याय की शुरुआत है जिसमें सनातनी ताकतें, 1857 राष्ट्रवाद और गंगा-जमुनी तहज़ीब मिलकर उन राष्ट्र-विरोधी, सनातन धर्म- विरोधी, हिन्दू- विरोधी, विभाजनकारी ताकतों से भिड़ रही थीं, जिन्होंने हिन्दू व् मुसलमान दोनों का उत्पीड़न करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
पर इसके बावजूद इन धूर्त ताकतों ने एक ऐसा भ्रमजाल रच रक्खा है जिसमें हिन्दू ‘पीड़ित’ और मुस्लिम ‘उत्पीड़क’ दिखाई देता है! अभी तक पुलिस या भीड़ द्वारा मुसलामानों की हत्याएं बेरोकटोक चल रही थीं। मगर अलीगढ़ के इस प्रतिरोध के बाद लोगों को साफ़ समझ आ गया है कि ये फासीवादी ताकतें हिन्दू और मुस्लिम में भेद नहीं करतीं। अलीगढ़-प्रतिरोध ने उन हिन्दुओं की भी आँखें खोल दी हैं जो भाजपा का मौन समर्थन करते आए थे।
विवेक तिवारी की फर्जी एनकाउन्टर में हत्या , केंद्र सरकार द्वारा पारित एससी/ एसटी संशोधन बिल, यूपी में भाजपा सरकार द्वारा 1857 की क्रान्ति के प्रथम शहीद मंगल पांडे की मूर्ति – स्थापना को रोकना, आइपीएस अफसर संजीव भट्ट को बेवजह कैद में रखना, महान संत जी दी अग्रवाल की भाजपा की बेरुखी की वजह से दुखद मौत, और अलीगढ़ की हालिया घटनाओं ने हिन्दुओं को नींद से जगा दिया है।
यह राष्ट्र की आत्मा की रक्षा की लड़ाई है, मुख्यधारा का मीडिया हमें नेपथ्य में धकेलने की कोशिश में लगा है . मगर हम संघर्ष जारी रखेंगे. मुझे आप सभी की मदद की जरुरत है  कृपया मेरी इस पोस्ट को कॉपी-पेस्ट करें , चाहें तो शेयर करें. कृपया मुझसे इनबॉक्स में संपर्क करें.

अमरेश मिश्र
अध्यक्ष
मंगल पांडे सेना

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