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क्या आप जानते हैं : बिरजू महाराज को दिल्ली से बेहद लगाव था

by Sushma Tomar · January 17, 2022

दुनिया भर में कथक नृत्य का नाम रोशन करने वाले मशहूर कथक नर्तक बिरजू महाराज उर्फ बृजमोहन मिश्र का बीते रविवार अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी । जानकारी के मुताबिक उन्होंने शाम का खाना खाया और अपने पोते संग अंतक्षिरी खेलते हुए उनकी तबियत बिगड़ गई। परिवार वालों ने उन्हें साउथ दिल्ली, साकेत के एक अस्पताल में भर्ती करवाया , जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

बिरजू महाराज सिर्फ कथक के लिए नहीं जाने जाते उन्होंने कई फिल्मों में कोरियोग्राफी भी की थी। सत्यजीत रे के “शतरंज के खिलाड़ी” में शास्त्रीय गायन के साथ कोरियोग्राफी की थी। इसके अलावा, डेढ़ इश्किया में माधुरी दीक्षित को नृत्य सिखाया था। देवदास और दिल तो पागल है में भी माधुरी दीक्षित को ट्रेनिंग दी थी।

सोशल मीडिया पर याद किये गए :

बिरजू महाराज की मौत की खबर सबके लिए हैरान करने वाली है। बीते महीने वो किडनी की समस्या से उबरे थे और डायलिसिस पर थे। अगले महीने यानी 4 फरवरी को उनका 84वां जन्मदिन था, लेकिन एक महीने पहले ही 83 कि उम्र में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गयी।

Image: social media

इस बीच अदनान सामी ने ट्वीट करके अपने संवेदनाएं प्रकट करते हुए लिखा, “महान कथक नर्तक-पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से अत्यंत दुखी हूं। हमने प्रदर्शन कला के क्षेत्र में एक अद्वितीय संस्थान खो दिया है। उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है। वह शांति से आराम कर सकते हैं।”

PM नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ट्वीट कर कहा,
“भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति”

लखनऊ में जन्मे थे लेकिन दिल्ली से बेहद लगाव था :


बिरजू महाराज का जन्म लखनऊ में हुआ था, पिता और चाचा दोनों जाने माने कथक नर्तक थे। बेहद छोटी उम्र में पिता को खो दिया, मां ने आर्थिक तंगी में पालन पोषण किया था। जब 9 साल के थे तो गुरु बहन कपिला वात्सल्य उन्हें दिल्ली ले आयी। उसके बाद 5 दशक तक उन्होंने दिल्ली में निवास किया।

Image : social media

कथक में बेजोड़ योगदान के लिए सरकार ने उन्हें दिल्ली D-2/33 शाजहान रोड पर एक फ्लैट अलॉट किया था। लेकिन 2020 में उन्हें सरकार द्वारा फ्लैट खाली करने का नोटिस भेजा गया था। लेकिन बाद में दिल्ली हाइ कोर्ट ने इस नोटिस पर रोक लगा दी थी।

पद्म विभूषण से किये गए थे सम्मानित :

बिरजू महाराज को साल 1983 में नृत्य और शास्त्रीय संगीत में उनके बड़े योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। NBT की रिपोर्ट कहती है कि उनका घर कला का मंदिर बन गया था। उनके घर के पास जाते ही घुंघरू के आवाज़ साफ सुनाई देने लगती थी।

एक और मज़ेदार बात की जब भी कोई उनके घर जाता तो वो मेहमान का गर्मजोशी से स्वागत करते थे। और यही नहीं मेहमान से सबसे पहले वो पूछा करते थे कि बताओ, नाश्ते में क्या लोगे ? और फिर ज़ोर से आवाज़ देकर कहते, अरे मिठाई लाओ! पहले मिठाई खाएंगे फिर बात करेंगे।



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