कविता – ये दुनिया आखिरी बार कब इतनी खूबसूरत थी?
ये दुनिया आखिरी बार कब इतनी खूबसूरत थी? जब जेठ की धधकती दुपहरी में भी धरती का अधिकतम तापमान था...
July 5, 2017
ये दुनिया आखिरी बार कब इतनी खूबसूरत थी? जब जेठ की धधकती दुपहरी में भी धरती का अधिकतम तापमान था...
तुम्हारे सामने मुझको भी शरमाना नहीं आता के जैसे सामने सूरज के परवाना नही आता ये नकली फूल हैं इनको...
मेरी बातें तुम्हें अच्छी लगतीं, ये तो हमको पता ना था तुम हो मेरे हम हैं तुम्हारे, ये कब तुमने...