कविता- बेटी से माँ तक का सफर
बेफिक्री से फ़िक्र का सफर रोने से खामोश कराने का सफर बेसब्री से तहम्मुल का सफर पहले जो आँचल में...
April 27, 2018
बेफिक्री से फ़िक्र का सफर रोने से खामोश कराने का सफर बेसब्री से तहम्मुल का सफर पहले जो आँचल में...
आदमी से बड़ा आदमी का काम होता है जैसे राम से बड़ा राम का नाम होता है शक्ल से खुलता...
किसान बेटा जब बोल उठेगा जिस दिन किसान का बेटा बोल उठेगा…. दिल्ली का सिंहासन डोल उठेगा…. मिट्टी में मिल...