विचार स्तम्भ

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दि टेलीग्राफ का शीर्षक – तुम मेरी पीठ खुजाओ, मैं तुम्हारी खुजाता हूं

  • September 28, 2020

तुम मेरी पीठ खुजाओ, मैं तुम्हारी खुजाता हूं। सुनने में यह सामान्य लग सकता है कि डीजीपी साब ने इस्तीफा दे दिया है या वीआरएस ले...

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हरिवंश कथा – पत्रकारिता और सत्ता का घालमेल से लेकर राज्यसभा तक

  • September 28, 2020

वे तमाम लोग जो नीतिपरक (एथिकल ) पत्रकारिता की मौत और चैनलों द्वारा परोसी जा रही नशीली खबरों को लेकर अपने छाती-माथे कूट रहे हैं, उन्हें...

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MSP के लिए एक स्थाई कानून क्यों नहीं बना देती सरकार ?

  • September 24, 2020

दुनिया का कोई भी विधिविधान त्रुटिरहित नहीं रहता है। जब भी कोई कानून बनता है तो उसका कुछ न कुछ उद्देश्य होता है, और जब वह...