डॉ अंबेडकर पूजने की "वस्तु" नहीं..अपनाये जाने वाले "लीजेंड"(दिव्यचरित्र) हैं
मैं, फ़िक्रमंद हूँ कि वर्णाश्रम के आख़िरी पायदान पे लटका दिये गए “शूद्र” अपना “ज़िंदा अस्तित्व” मनुवादी निज़ाम मे कैसे...
August 1, 2017
मैं, फ़िक्रमंद हूँ कि वर्णाश्रम के आख़िरी पायदान पे लटका दिये गए “शूद्र” अपना “ज़िंदा अस्तित्व” मनुवादी निज़ाम मे कैसे...
भारत में राजनीति जैसा विषय नया नहीं है, ये हर्यक वंश से पहले भी पहचान रखता था और आज भी...
ये पोस्ट करना जरूरी नहीं था,पर अभी चलन में हिट अंतरात्मा की आवाज़ पे कर रहा हूँ कि सारे तर्क...