Shravan Garg

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क्या देश में ‘गृह युद्ध’ को आमंत्रित किया जा रहा है ?

  • December 30, 2021

हरिद्वार (उत्तराखंड) में पिछले दिनों संपन्न विवादास्पद ‘धर्म संसद’ में भाग लेने वाले सैकड़ो महामंडलेश्वरों, संतों, हज़ारों श्रोताओं और आयोजन को संरक्षण देने वाली राजनीतिक सत्ताओं...

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नागरिकों को ही ‘विपक्ष’ का विपक्षी बनाया जा रहा है !

  • December 26, 2020

सरकार ने अब अपने ही नागरिक भी चुनना प्रारम्भ कर दिया है। सत्ताएँ जब अपने में से ही कुछ लोगों को पसंद नहीं करतीं और मजबूरीवश...

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ओबामा की किताब से भी मुद्दा आख़िर तलाश ही लिया गया !

  • November 20, 2020

राहुल गांधी के आलोचक ऐसा कोई मौक़ा नहीं छोड़ते कि कैसे कांग्रेस के इस आक्रामक नेता को विवादों के घेरे में लाया जा सके ! कुछेक...

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आमजन की अवमानना के ख़िलाफ़ सुनवाई देश की किस अदालत में होगी 

  • November 15, 2020

बहुत सारे लोगों ने तब राय ज़ाहिर की थी कि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के ‘अपराध’ में वकील प्रशांत भूषण को बजाय एक रुपया जुर्माना भरने...

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नतीजे लिखेंगे सिंधिया की भाजपा में भावी भूमिका की पटकथा ?

  • November 7, 2020

बिहार के साथ-साथ लोग अब यह भी जानना चाहते हैं कि मध्य प्रदेश की अट्ठाईस सीटों के लिए तीन नवम्बर को पड़े मतों के नतीजे क्या...

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अर्नब की लड़ाई मीडिया की आज़ादी की लड़ाई नहीं है

  • October 31, 2020

कोई मीडिया प्रतिष्ठान चीन के साथ सीमा पर वर्तमान में चल रहे तनावपूर्ण सम्बन्धों के दौरान अगर ऐसी खबर चला दे कि सैनिकों के बीच सेनाध्यक्ष...

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खोट गांधी की प्रासंगिकता में नहीं, हमारे साहस में है !

  • October 2, 2020

हम डर रहे हैं यह स्वीकार करने से कि हमें गांधी की अब ज़रूरत नहीं बची है।ऐसा इसलिए नहीं कि गांधी अब प्रासंगिक नहीं रहे हैं,...

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लता मंगेशकर यानी ख़ुशबू के शिलालेख पर लिखी प्रकृति की कविता

  • September 29, 2020

लता जी पर मैंने कोई बीस-इक्कीस वर्ष पहले एक आलेख लिखा था । अवसर था इंदौर में ‘माई मंगेशकर सभागृह ‘के निर्माण का । उसमें मैंने...

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हरिवंश कथा – पत्रकारिता और सत्ता का घालमेल से लेकर राज्यसभा तक

  • September 28, 2020

वे तमाम लोग जो नीतिपरक (एथिकल ) पत्रकारिता की मौत और चैनलों द्वारा परोसी जा रही नशीली खबरों को लेकर अपने छाती-माथे कूट रहे हैं, उन्हें...