Saleem Akhtar Siddiqui

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बुलंदशहर की हिंसा की तह में जाने से पहले 2002 के गुजरात में जाइए

  • December 5, 2018

बुलंदशहर की हिंसा की तह में जाने से पहले 2002 के गुजरात में जाइए। गोधरा को याद किजिए, उसके बाद हुए दंगों को याद कीजिए। दंगों...

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हर गलत कृत्य को मान्यता देने सोशल मीडिया में बैठा है भीड़तंत्र

  • October 1, 2018

भीड़ तंत्र सोशल मीडिया पर भी मौजूद है। वह भले ही लोगों की खुद जान न लेता हो, लेकिन वह हिंसक समाज बनाने में मददगार साबित...

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कल्पना तिवारी की चीत्कार में नौशाद और मुस्तकीम की मां की चीत्कार शामिल क्यों नहीं है?

  • September 30, 2018

कल दिल्ली जाते हुए सोशल मीडिया से विवेक तिवारी की हत्या का समाचार मिला। ज्यादा जानकारी लेने के लिए एक अखबार की वेबसाइट पर गया तो...

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नज़रिया – आरएसएस की भागीदारी के बगैर सफल नहीं होता कोई आंदोलन

  • September 10, 2018

अपनी आंखें बंद कीजिए और सोचिए। क्या आजाद भारत में कभी आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक की भागीदारी के बगैर कोई आंदोलन कामयाब हुआ है? आजादी के...

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सुनिए महाशय ! आप औरत को नंगा करके घुमाने वाले समाज का हिस्सा हैं.

  • August 21, 2018

किस्से कहानियों और फिल्मों में हम जो पिशाच का चित्रण देखते हैं, वह गलत होता है। पिशाच के दो नुकीले दांत आगे की ओर निकले नहीं...