गज़ल – गुज़र गई है मेरी उम्र खुद से लड़ते हुए – "ख़ान"अशफाक़ ख़ान
गुज़र गई है मिरी उम्र खुद से लड़ते हुए मुहब्बतों से भरे वो खतों को पढ़ते हुए धुएं की तरह...
March 3, 2017
गुज़र गई है मिरी उम्र खुद से लड़ते हुए मुहब्बतों से भरे वो खतों को पढ़ते हुए धुएं की तरह...