विभिन्न रेल दुर्घटनाओं से लेकर हाल की NTPC में घटित ब्वायलर फटने की घटना तक हमारे देश और प्रदेश की हुकूमत में बैठे लोग संवेदनहीनता की हदें पार करने में लगे हुए हैं. रायबरेली में ऊँचाहार स्थित NTPC में घटित घटना में मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री का जो चेहरा सामने आया वह न सिर्फ़ संवेदनहीन ही नही बल्कि अमानवीय भी है.
27 लोगों की मौत और 150 से ज़्यादा के घायल होने जैसी बड़ी दुर्घटना पर प्रधानमंत्री जी ने विदेश में घटित आम घटनाओं की तरह ट्वीट कर देने से ज़्यादा इसको महत्व नही दिया. मुख्यमंत्री मॉरीशस की यात्रा पर हैं उन्होने भी आर्थिक मदद का ऐलान करने से ज़्यादा अहमियत नही दी.
NTPC केंद्रीय सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के ही अधीन है,और उसमें मारे गये व घायल हुए लोग केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं जिनका संबंध देश के विभिन्न हिस्सों से है…परंतु प्रधानमंत्री जी ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रचार को अधिक महत्व दिया.
रायबरेली काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी का लोकसभा क्षेत्र होने की वजह से भी भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार द्वारा उपेक्षा का शिकार रहता है लेकिन राजनैतिक विरोध के चलते किसी क्षेत्र के साथ घटित अप्रिय घटना पर भी सरकारें ऐसा व्यवहार करके अपना अमानवीय चेहरा प्रस्तुत करती हैं. जो कि बेहद शर्मनाक और निंदनीय है.
क्योंकि राजनीति और चुनाव की जीत हार से ज़्यादा मानवता है. सभी नेता कहते हैं राजनीति में सत्ता के लिए नही सेवा के लिए आए हैं लेकिन इसका प्रमाण काँग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने दिया,अपना गुजरात दौरा बीच में रोक के मृतकों के परिवारों का दुख बाँटने और घायलों का हाल चाल लेने रायबरेली पहुँचे,जिसकी लोगों ने प्रशंसा भी की और कहा कि चुनाव जीतने से ज़्यादा बड़ा काम दिल जीतना है.
अली अब्बास ज़ैदी
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