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बेरोजगारी पर मोदी सरकार को चिदंबरम ने घेरा

by Team TH · December 26, 2017

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को बेरोजगारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. चिदंबरम ने कहा कि लोकसभा चुनाव सहित अगले 16 महीनों में होने वाले चुनावों में नौकरियां एक महत्वपूर्ण कारक होंगी.
उन्होंने मोदी के मुद्रा योजना के जरिए 3.1 करोड़ से ज्यादा रोजगार पैदा करने के दावे पर सवाल उठाए. उन्होंने 9 ट्वीट किये और सरकार पर तंज कसा.
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का जिक्र करते हैं और कहते हैं कि 3.1 करोड़ से ज्यादा उद्यमियों को कर्ज दिया गया. यदि हम इसे मान लें तो औसतन हर उद्यमी सिर्फ एक स्थायी रोजगार पैदा करता है, यह पहले अपने आप में 3.1 करोड़ नए रोजगार बताता है.”

चिदंबरम ने कहा कि मुद्रा ऋण आम तौर पर सार्वजनिक बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा दिया जाता है, जिसे वे कई सालों से दे रहे हैं. उन्होंने कहा, “28 जुलाई, 2017 तक 8.56 करोड़ कर्ज को मंजूरी दी गई. इसकी कुल राशि 3.69 लाख करोड़ रुपये थी. औसतन कर्ज 43,000 रुपये का दिया गया.”
उन्होंने कहा, “हमसे कहा गया है कि 43,000 रुपये का कर्ज एक अतिरिक्त नौकरी देगा. यदि नए कर्मचारी को न्यूनतम वेतन से कम 5,000 रुपये का भुगतान किया जाता है तो कर्ज आठ महीनों में खत्म हो जाएगा, क्या 43,000 रुपये का निवेश 5,000 रुपये की अतिरिक्त आय पैदा कर सकती है?”
पूर्व वित्तमंत्री ने श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में कहा कि मोदी की नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी अपराजेय नहीं है, जो कि दिल्ली और बिहार के चुनावों में साबित हो चुका है और ‘एक मजबूत व सावधानी से बनाई गई रणनीति’ से भाजपा को हराया जा सकता है.
चिदंबरम ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा गुजरात में किसी तरह सत्ता हासिल करने में कामयाब रही, और एक युवा व ऊर्जावान व्यक्ति ने उसकी रफ्तार रोक दी.
चिदंबरम ने कहा, “भाजपा व कांग्रेस दोनों विजेता रहे. भाजपा ने चुनावी जीत हासिल की और कांग्रेस ने राजनीतिक जीत हासिल की.”
उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा अपराजेय नहीं है. दिल्ली व बिहार में भाजपा पराजित हुई. सावधानीपूर्वक व मजबूत रणनीति से भाजपा को हराया जा सकता है.”
उन्होंने ट्वीट किया, “गुजरात में महत्वपूर्ण कारक जाति नहीं, बल्कि एकीकरण रहा. इस तरह का एकीकरण दूसरे कारकों, जैसे बेरोजगारी व किसानों के संकट या बढ़ती असमानता व धर्म पर भी हो सकता है.”
चिदंबरम ने मोदी को अपने वादे याद करवाते हुए कहा कि, मोदी को अपने आर्थिक विकास, रोजगार, किसानों की आय दोगुनी करने व सबका साथ, सबका विकास के वायदों को पूरा करना है.
उन्होंने कहा, “आखिरकार मोदी सरकार के पहले तीन सालों में 7.5 फीसदी की औसत वृद्धि दर रही है. अर्थव्यवस्था की 2018-19 की स्थिति लोकसभा चुनाव सहित अगले 16 महीनों में होने वाले चुनावों में निर्णायक होगी. अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण कारक नौकरियां होंगी.”

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