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पश्चिमी यूपी, हिन्दु मुस्लिम एकता और "बड़े चौधरी साहब"

by Asad Shaikh · December 23, 2017

चौधरी चरण सिंह “बड़े चौधरी साहब” पश्चिम उत्तर प्रदेश में पैदाईश पाने वाले नेता जो ईमानदारी के लिए जाने जाते थे जो “किसानों” के लिए काम करने के लिए जाने जाते थे चौधरी चरण सिंह वो ज़मीनी नेता थे जो ज़मीन से जुड़े रहते थे और ज़मीन पर ही रहतें थे।
चौधरी चरण सिंह ने अपने राजनैतिक सफर एक विधायक से लेकर प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय किया और इस काम को करने में उन्होंने सिर्फ उसी चीज़ का इस्तेमाल किया जिसे वो जानते थे,वो थी ईमानदारी और इसी ईमानदारी की बदौलत सच्चाई की बदौलत वो “किसान नेता” बन पाए।
चौधरी चरण सिंह वो शख्सियत थे जिसने पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति का रंग ही बदल कर रख दिया था “जाट बेल्ट” कहे जाने वाले वेस्ट यूपी में किसानों को कृषि के प्रति जागरूक कर उन्हें अहमियत दिलाई और राजनीतिक तौर पर “अजगर” गठबंधन बना कर बहुत बड़ी आबादी को अपने साथ खड़ा किया था।
ये भी पढ़ें- चौधरी चरण सिंह कैसे बने किसानों के मसीहा ?
चौधरी चरण सिंह की राजनीति से उनकी नीतियों से हमे आज भी सीखना चाहिए और समझना चाहिए कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बड़ी जाट-मुस्लिम आबादी को साम्प्रदायिकता को आग में घिरने से अलग चौधरी चरण सिंह ने “कृषि” का मुद्दा दिया, उनके रहते न कोई साम्प्रदायिक बवाल हुआ और न किसी के साथ भेदभाव हुआ।
आज पश्चिम उत्तर प्रदेश हो या उत्तर प्रदेश कोई भी फिक्रमंद “किसान मसीहा” नही है तो इसके पीछे वजह यही है मुख्य मुद्दा “कृषि” रहा ही नही,और किसानों की बदहाली का ये हाल है,जो चौधरी चरण सिंह के जाने कर बाद आज भी अहम बन जाता है। मगर चौधरी चरण सिंह की ईमानदारी, ज़मींनी पकड़ बहुत अहम थी और आज तक उसकी कदर इस बात का सबूत है।

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