Share

छत्तीसगढ़ के किसान क्यों कह रहे हैं ,धान की फसल लेकर रहेंगे

by Team TH · December 10, 2017

छतीसगढ़  सरकार की  ओर से रबी सीजन में धान की फसल नहीं  बोने संबंधी आदेश पर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने शनिवार को बैठक आयोजित की. पटवारी कार्यालय के सामने आयोजित ‘किसान बइठका’ में जिलेभर से हजारों की संख्या अन्नदाता  एकत्रित हुए. यहां सभी अन्नदाताओ  ने एक सुर में कहा, ‘नहीं मानेंगे सरकारी फरमान, हम तो बोएंगे धान’.

बैठक के पश्चात रैली निकालकर किसान कलेक्टोरेट पहुंचे और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपने के दौरान किसान कलेक्टर से मिलने की मांग करते रहे. अन्नदाताओं  ने संयुक्त कलेक्टर शिवकुमार तिवारी से कहा कलेक्टर से कह दो कुछ मांगने नहीं, बताने आए हैं कि हम सरकारी फरमान नहीं मानेंगे और धान की फसल लेकर रहेंगे.
शासन-प्रशासन की दोहरी नीति के विरोध में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ, महासमुंद के सदस्य जागेश्वर चंद्राकर ने 9 दिसंबर को किसान बइठका का आह्वान किया था. यहां तहसील कार्यालय के बाजू मैदान में किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा. जिलेभर से किसान पहुंचे. इसके अलावा राजिम, आरंग, रायपुर , कुरुद आदि स्थानों से भी किसानों ने आमद दी. किसानों की सभा जिसे किसान बइठका नाम दिया था, अपराह्न तीन बजे तक चली.

क्या है मामला

पिछले दिनों कृषि विभाग की ओर से किसानों को रबी फसल में धान नहीं लेने संबंधी आदेश जारी किया गया था. आदेश में कहा गया था धान की फसल लेने वाले किसानों के बिजली कनेक्शन काट दिए जाएंगे.
उधर सरकार के कृषि मंत्री ब्रिजमोहन अग्रवाल का बयान आया कि,किसान धान बो सकते हैं. अब यहाँ के अन्नदाता असमंजस में है. इसलिए किसान इसी फरमान का विरोध कर रहे हैं.

You may also like