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कभी मुख्यमंत्री मोदी ने किया था जिसका विरोध, प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में पारित हुआ वही GST

by Team TH · August 4, 2016

लंबा इंतजार आज खत्म हुआ. राज्यसभा में जीएसटी बिल पास हो गया है. संसद के मानसून सत्र में जीएसटी पास कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को कांग्रेस के मुद्दों के आगे झुकना पड़ा और सदन में 203 वोटों के साथ जीएसटी बिल को पास कर दिया गया. जीएसटी के लिए संविधान संशोधन बिल के खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा. राज्यसभा में कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद जीएसटी यानी वस्तु और सेवा कर लागू करने के लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर लग चुकी है. यह अब तक सबसे कड़ा आर्थिक सुधार है, क्योंकि इससे पूरे देश में एक समान कर लगेगा. आज राज्यसभा में बिल पास होने की खुशी में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केक काटा. एक समय था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए, GST का भारी विरोध किया था,उस वक़्त उन्होंने साफ़ – साफ़ कहा था कि हम GST पास होने नहीं देंगे. पर सत्ता परिवर्तन के बाद एक के बाद एक कांग्रेसी योजनाओं को अमली जामा पहनाने का कार्य मोदी सरकार के द्वारा जारी है, जिनका UPA के समय भाजपा और नरेंद्र मोदी ने भारी विरोध किया था. आज वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जब GST के पास होने पर केक काटा तो नेतागण अंदरखाने में ये चर्चा करते रहे कि एक समय अरुण जेटली और सुषमा स्वराज ने जिस GST का भारी विरोध किया था, आज उसी GST बिल को उसके उसी स्वरुप में पास करवाने में कांग्रेस कामयाब रही.
राज्यसभा में जीएसटी के लिए संविधान संशोधन बिल (122वें संशोधन) को राज्यसभा में पास किया गया. आज राज्यसभा में पूरे 7 घंटे चली बहस में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जीएसटी बिल पर चर्चा की और कांग्रेस जीएसटी के लिए टैक्स की दरों को 18 फीसदी पर रखने पर अड़ी रही, जबकि भाजपा 24 प्रतिशत चाहती थी. जीएसटी बिल के 6 संशोधनों जिसमें 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स को कम करने का प्रस्ताव शामिल था, ये सभी 6 संशोधन ससंद के उच्च सदन में शत-प्रतिशत वोटों के साथ पास हो गए. अंत में सारे संशोधनों के ऊपर वोटिंग के बाद में कुल 203 और विपक्ष में शून्य वोटों के साथ ये बिल पास हो गया.
राज्यसभा ने जीएसटी के लिए संविधान (122वां संशोधन) विधेयक, 2014 को पारित कर दिया, जिसे लोग जीएसटी विधेयक के रूप में जानते हैं. कांग्रेस इसे धन विधेयक के बजाय वित्त विधेयक के रूप में लाने की मांग कर रही थी. इस पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस पर कोई भी फैसला सभी पार्टियों से बात करने के बाद ही किया जाएगा.
राज्यसभा में एआईएडीएमके एकमात्र पार्टी रही जिसने जीएसटी बिल का विरोध किया और इसके सदस्यों ने जीएसटी बिल के विरोध में राज्यसभा से वॉकआउट किया. जीएसटी बिल पास होने के बाद रात 9:42 बजे राज्यसभी 4 अगस्त सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई.
कांग्रेस के साथ सहमति बनाने के लिए मोदी सरकार ने किए 4 अहम बदलाव जिनके आधार पर कांग्रेस और सम्पूर्ण विपक्ष का सहयोग मिला है.
1. पहला, राज्यों के बीच कारोबार पर 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स नहीं लगेगा. मूल विधेयक में राज्यों के बीच व्यापार पर 3 साल तक 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगना था.
2. दूसरा, जीएसटी से नुकसान होने पर अब 5 साल तक 100% मुआवजा मिलेगा. मूल विधेयक में 3 साल तक 100%, चौथे साल में 75% और 5वें साल में 50% मुआवजे का प्रस्ताव था.
3. तीसरा, विवाद सुलझाने के लिए नयी व्यवस्था की गई है, जिसमें राज्यों की आवाज बुलंद होगी. पहले विवाद सुलझाने की व्यवस्था मतदान आधारित थी, जिसमें दो-तिहाई वोट राज्यों के और एक तिहाई केंद्र के पास थे.
4. विधेयक में जीएसटी के मूल सिद्धांत को परिभाषित करने वाला एक नया प्रावधान जोड़ा जाएगा, जिसमें राज्यों और आम लोगों को नुकसान नहीं होने का भरोसा दिलाया जाएगा.
जीएसटी की सोच तो ये है कि हर चीज देश में एक कीमत पर मिलेगी लेकिन सच तो ये है कि जीएसटी लागू होने से काफी कुछ महंगा भी होने वाला है

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