रायपुर, 22 अगस्त (भाषा)। इस साल के अंत में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में पारंपरिक कुश्ती केंद्रों को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए ‘बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना’ शुरू करने की घोषणा की है।
‘नाग पंचमी’ पर्व के अवसर पर सोमवार को राजधानी रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बघेल ने यह भी कहा कि कुश्ती खेल को प्रोत्साहित करने के लिए यहां एक राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में नाग पंचमी के दौरान मल्लखंब और कुश्ती प्रतियोगिताओं के आयोजन की परंपरा रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा मिलता है। बघेल ने कहा, ‘हाल ही में मैंने बस्तर क्षेत्र के कोंडागांव जिले में कुश्ती अकादमी खोलने की घोषणा की है, लेकिन अब मैं रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी स्थापित करने की घोषणा करता हूं। उन्होंने कहा, ‘राज्य में अखाड़ों के संरक्षण और संवर्धन के लिए मैं बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना शुरू करने की घोषणा करता हूं जिसके तहत इन पारंपरिक कुश्ती केंद्रों को वित्तीय सहायता दी जाएगी।
नाग पंचमी के अवसर पर अपने बचपन के अनुभवों को साझा करते हुए, बघेल ने कहा कि जब वह बच्चे थे तो एक स्लेट पर “नाग देवता” की तस्वीरें बनाते थे और अनुष्ठान करते थे। पहलवान और दंतेश्वरी व्यायाम शाला एवं अखाड़ा के प्रमुख अशोक यादव ने पारंपरिक कुश्ती केंद्रों को बढ़ावा देने के सरकार के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि पहली बार राज्य सरकार ने ऐसी योजना की घोषणा की है जो अखाड़ों के संचालन में सहायक होगी। यादव ने दावा किया कि उनके कुश्ती केंद्र ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर के चैंपियन दिए हैं।
एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों (इस साल की शुरुआत में हुए) में ‘बजरंगबली’ और बजरंग दल मुख्य फोकस बन गए थे और अब कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में चुनावों से पहले भगवान हनुमान के नाम पर एक योजना का नाम रखना मतदाताओं को लुभाने के लिए महत्वपूर्ण लगता है।
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